अमृतसर में माईक्रो वन के साथ एकीकृत सामुदायिक कंपोस्टिंग केंद्र धरत महत का उद्घाटन किया

कल्याण केसरी न्यूज़,18 फरवरी ; मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय अमृतसर ने सीमा शुल्क विभाग अमृतसर के सहयोग से सेंट्रल रेवेन्यू कॉलोनी, लॉरेंस रोड, अमृतसर में एक माईक्रो वन के साथ एकीकृत सामुदायिक कंपोस्टिंग केंद्र धरत महत का उद्घाटन किया। यह केंद्र अमृतसर में किसी भी आवासीय कॉलोनी में इस तरह की पहली सुविधा है। यह इस कॉलोनी के लिए “ज़ीरो वेस्ट” का दर्जा हासिल करने की दिशा में पहला कदम है। सेंट्रल रेवेन्यू कॉलोनी में कम्युनिटी कंपोस्टिंग सेंटर का “धरत महत” नाम गुरु नानक देव जी के शब्दों से प्रेरित है –

“पवन गुरु पानी पिता
माता धरत महत
दिवस रात दू-ए दा-ई दाया
खेले सगल जगत”
इसका अर्थ है कि वायु शिक्षक है, जल पिता है, और पृथ्वी महान माता है। दिन और रात दो नर्सें हैं जिनकी गोद में सारी दुनिया खेलती है।

केंद्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि इंदरबीर सिंह निज्जर, स्थानीय निकाय मंत्री, पंजाब सरकार द्वारा सुश्री जहाँज़ेब अख्तर, मुख्य आयकर आयुक्त, अमृतसर और राहुल नांगरे, आयुक्त सीमा शुल्क की उपस्थिति में किया गया । ये दोनों भी कॉलोनी के निवासी हैं। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में

  1. करमजीत सिंह रिंटू, मेयर,
  2. हरप्रीत सिंह सूदन, डी.सी.,
  3. संदीप ऋषि, नगर आयुक्त,
  4. डॉ. के एस काहलों, रजिस्ट्रार, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय
  5. जतिंदर बराड़, पंजाब नाटशाला
    बंगला कॉलोनी के स्वयं सहायक समूह जो रीसाइक्लिंग अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए है, लॉरेंस रोड के दुकानदार, व्यवसायी, होटल मालिक आदि जो सी.आर. कॉलोनी के पड़ोसी भी इस आयोजन में शामिल हुए।
    एक कहावत है “एक हजार मील की यात्रा एक कदम से शुरू होती है”, सामुदायिक कंपोसटिंग केंद्र की अवधारणा सुश्री जहाँज़ेब अख्तर, मुख्य आयकर आयुक्त द्वारा “लैंडफिल तक शुद्ध शून्य” की ओर पहला कदम है, जो कि अमृतसर में आयकर और सीमा शुल्क विभाग के सदस्यों द्वारा दिसंबर 2022 में ली गई प्रतिज्ञा “नहीं करेंगे भगतांवाला डंप का विस्तार” के साथ पंक्तिबद्ध है । यह अमृतसर में आयकर विभाग द्वारा कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और सी.ओ.पी. 26 में की गई भारत सरकार की शुद्ध शून्य लैंडफिल की प्रतिबद्धता की ओर बढ़ने के प्रयास का भी हिस्सा है। यह उप-उत्पादों के प्रबंधन में ‘आत्मनिर्भर’ होने की दिशा में भी एक प्रयास है, जिसे हमारे दैनिक जीवन में गलत तरीके से “कचरा” माना जाता है, साथ ही नगर निगम का बोझ कम करने के लिए उठाया गया कदम है ।
    धरत महत सुविधा से गीले कचरे और पत्तियों की एरोबिक खाद बनाने, साफ और अलग किए गए प्लास्टिक, कागज, धातु, बायो-मेडिकल कचरे और ई-कचरे का संग्रह करने में आसानी होगी। भारत सरकार के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत कॉलोनी के निवासियों को कचरा उत्पादक के रूप में उनकी जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। चूंकि सरकारी अधिकारियों को सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं और वे उनके द्वारा ली गई स्वच्छता प्रतिज्ञा से भी बंधे हुए हैं इसलिये उनके परिवारों, विशेष रूप से बच्चों को इस मुहिम में शामिल करना, इस प्रयास के केंद्र में है ।

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