अमेरिकी सेना के विमान पर जंजीरों में बंधे भारतीयों को ‘देश निकाला’ देकर ट्रंप ने मोदी को ‘तोहफा’ दिया

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 15 फरवरी: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर आने वाले विमानों को बार-बार इस पवित्र धरती पर उतार कर पवित्र नगरी अमृतसर को ‘नजरबंदी’ या ‘डिपोर्ट सेंटर’ में बदलने से बचा जाए।मुख्यमंत्री ने आज देर रात उतरे भारतीयों के स्वागत के लिए प्रबंधों का जायजा लेने के लिए यहां श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को याद दिलाया कि इतिहास ऐसी मिसालों से भरा पड़ा है कि जिसने भी इस धरती पर बदनीयती से नजर रखने की कोशिश की है, वह कभी भी बच नहीं सका। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस पावन धरती पर डिपोर्ट हुए भारतीयों को ला रहे विमानों को बार-बार उतार कर घटिया हथकंडे अपना रही है ताकि पंजाब और पंजाबियों को दुनिया भर में बदनाम किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मोदी सरकार की इस हरकत ने पूरे पंजाब और खासकर सिख समुदाय के हृदयों को अंदर तक झकझोर दिया है।

मुख्यमंत्री ने भाजपा और मोदी को याद दिलाया कि यह पवित्र धरती, जिसकी वे पंजाबियों की छवि को खराब करने के लिए उपयोग कर रहे हैं, इस पावन नगरी में मुकद्दस स्थल श्री हरिमंदिर साहिब, भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल, दुर्गियाना मंदिर स्थित हैं। इस धरती पर जलियांवाला बाग भी है, जहां सैकड़ों निर्दोष देशभक्तों ने वतन की आजादी के लिए अपनी जानें निछावर कर दी थी। उन्होंने कहा कि पंजाब को बदनाम करना एक ऐसा घिनौना पाप है जिसके लिए पंजाब वासी भाजपा, खासकर मोदी की मंडली को कभी माफ नहीं कर सकते। भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि क्या कोई ईसाई समुदाय के पवित्र शहर वेटिकन सिटी में ऐसी हरकत कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर नहीं, तो फिर डिपोर्टियों को लेकर आने वाले विमानों को अमृतसर में बार-बार उतारकर पंजाबियों की भावनाओं को ठेस क्यों पहुंचाई जा रही है?

मुख्यमंत्री ने देशवासियों के हितों की रक्षा करने में असफल रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकार ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा शासन के दौरान देश एक प्रभावशाली विदेश नीति से वंचित है, जिसके कारण डिपोर्टियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री अपने हालिया दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को गले लगा रहे थे और उसी समय जंजीरों में जकड़े भारतीयों को शर्मनाक ढंग से उनकी जन्मभूमि पर वापस भेजा जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर बातचीत क्यों नहीं की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि खुद को विश्व गुरु कहलाने वाले नरेंद्र मोदी को कम से कम भारतीयों को वापस लाने के लिए अपने देश से विमान भेजने की पेशकश करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों को आश्चर्य हुआ कि मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पूरी मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह बहुत हैरानी वाली बात है कि एक विदेशी युद्धक विमान को ऐसे हवाई अड्डे पर उतारा जा रहा है जो पड़ोसी दुश्मन देश से केवल 40 किलोमीटर दूर है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था, पर हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार ने इसे बिल्कुल नजरअंदाज कर दिया। विदेश मंत्रालय द्वारा इन विमानों को उतारने के लिए अमृतसर का चयन करने के तर्क पर सवाल उठाते हुए, भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश में सैकड़ों अन्य हवाई अड्डे हैं, पर यह सिर्फ पंजाब को बदनाम करने के लिए चुना गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी ओर, जब राज्य सरकार द्वारा यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग की जाती है, तो कई बेतुके कारणों का हवाला देकर इस मांग को ठुकरा दिया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा उन अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है जिनकी वजह से यह भोले-भाले भारतीय अवैध रूप से अमेरिका गए थे और अब उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया है।भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारतीयों के साथ धोखाधड़ी करने वाले ऐसे ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मिसाली कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि यह दूसरों के लिए सबक बन सके।

उन्होंने बताया कि आज रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाले डिपोर्ट हुए भारतीयों की बोर्डिंग और आवास के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है कि डिपोर्ट किए गए सभी व्यक्ति हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सुरक्षित अपने घर पहुंच जाएं। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार डिपोर्ट किए गए सभी व्यक्तियों को उनके पुनर्वास के लिए उचित अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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