डीएलएसए अमृतसर द्वारा “यूथ अगेंस्ट ड्रग्स” वॉकथॉन का आयोजन

छात्रों की सहभागिता और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशों के विरुद्ध सशक्त संदेश

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 22 दिसंबर 2025: माननीय न्यायमूर्ति श्री अश्वनी कुमार मिश्रा, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, एस.ए.एस. नगर (मोहाली) के नेतृत्व में तथा पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, एस.ए.एस. नगर (मोहाली) के माननीय सदस्य सचिव के मार्गदर्शन एवं श्रीमती जतिंदर कौर, माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमृतसर की देखरेख में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), अमृतसर द्वारा नशा विरोधी अभियान के अंतर्गत आज “यूथ अगेंस्ट ड्रग्स” बैनर तले एक वॉकथॉन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य नशों की बढ़ती समस्या के विरुद्ध जागरूकता फैलाना तथा युवाओं और आम जनता को इसके घातक प्रभावों के प्रति संवेदनशील बनाना था।
यह वॉकथॉन जिला कचहरियों, अमृतसर से प्रारंभ होकर सरूप रानी सरकारी महिला कॉलेज, अमृतसर में संपन्न हुआ। इसमें लगभग 500 स्कूली विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और बैनरों व नारों के माध्यम से नशों के विरुद्ध सशक्त संदेश देते हुए नशा-मुक्त समाज की आवश्यकता पर बल दिया।
वॉकथॉन को श्रीमती जतिंदर कौर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अमृतसर द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उन्होंने स्वस्थ और प्रगतिशील समाज के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशा केवल व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज को भी कमजोर करता है तथा युवाओं से नशों से दूर रहकर सकारात्मक और अनुशासित जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर श्री बलजिंदर सिंह, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अमृतसर तथा श्री अमरदीप सिंह बैंस, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमृतसर सहित मुख्यालय सत्र मंडल, अमृतसर के माननीय न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। उन्होंने स्वयं वॉकथॉन में भाग लिया और विद्यार्थियों को अपने समुदाय में नशा विरोधी जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया।
जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिनमें श्री दलविंदरजीत सिंह, उपायुक्त, अमृतसर; श्री आलम विजय सिंह, पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था), अमृतसर तथा एसएसपी (ग्रामीण) सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे। उनकी उपस्थिति ने नशों के उन्मूलन हेतु प्रशासन और कानून-व्यवस्था एजेंसियों की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाया।
सरूप रानी सरकारी महिला कॉलेज, अमृतसर पहुंचने पर प्रतिभागियों का कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती किरणजीत बल्ल द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की इस पहल की सराहना की और कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को नशों से दूर रखते हुए रचनात्मक मार्गों की ओर मार्गदर्शन करें।
इस अवसर पर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें नशों के व्यक्ति, परिवार और समाज पर पड़ने वाले घातक प्रभावों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया। प्रभावशाली संवादों और अभिनय के माध्यम से युवाओं को “नशों को ना कहें”, आवश्यकता पड़ने पर सहायता लें तथा शिक्षा, खेल और सकारात्मक मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया गया। इस प्रस्तुति को विद्यार्थियों और आम जनता द्वारा खूब सराहा गया।
इस कार्यक्रम में न्यायाधीशों, जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों, शैक्षणिक संस्थानों और विद्यार्थियों की सामूहिक भागीदारी ने यह स्पष्ट और सशक्त संदेश दिया कि नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है और इसका मुकाबला केवल सामूहिक प्रयासों से ही किया जा सकता है।
यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और युवाओं को प्रेरित करने, जागरूकता फैलाने तथा नशा-मुक्त, स्वस्थ और जिम्मेदार समाज के निर्माण के प्रति सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता को दोहराने हेतु एक प्रभावी मंच सिद्ध हुआ।

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