चंडीगढ़ :आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा अकाली नेता और पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया पर लगाए आरोपों को लेकर माफी मांगने को दुष्प्रचार की राजनीति की पराजय बताते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री कमल शर्मा ने कहा है कि थूक कर चाटने की नीति पर चलते हुए अनाप-शनाप आरोप लगाना और पलटना श्री केजरीवाल की पुरानी आदत है। केजरीवाल व उनकी पार्टी ने देश में राजनीति के स्तर को नीचे गिराने का अपराध किया है। श्री कमल शर्मा ने आप नेता भगवंत सिंह मान व अमन अरोड़ा द्वारा दिए गए इस्तीफे को सही दिशा में पहला कदम बताते हुए इस बात पर प्रसन्नता जताई है कि आखिर उन्होंने देर से ही केजरीवाल को पहचान ही लिया है।
प्रैस को जारी विज्ञप्ति में भाजपा नेता श्री कमल शर्मा ने कहा कि श्री केजरीवाल वह नेता हैं जिन्होंने देश की राजनीति में मुद्दों की गंभीरता को समाप्त करने का भी अपराध किया है। दिल्ली में चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित पर कई तरह के आरोप लगाए परंतु बाद में माफी मांग ली। वे शुरू से लेकर अब तक वे केवल और केवल झूठ ही बोलते आरहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि वे मिथ्या आरोप लगा कर सनसनी फैलाने की राजनीति करने के अभ्यस्त हैं और बाद में उन्हें इसी कारण अपमान झेलना पड़ता है। इसी नीति के चलते उन्होंने पहले श्रीमती शीला दीक्षित के बाद में केंद्रीय मंत्री श्री नीतिन गडकरी से माफी मांगी और अब श्री मजीठिया के सामने घुटने टेकने पड़े हैं। अब संकेत मिल रहे हैं कि वे जल्द ही वित्त मंत्री अरुण जेतली से भी माफी मांगने वाले हैं।
श्री कमल शर्मा ने कहा कि केजरीवाल-मजीठिया प्रकरण बताता है कि झूठ की राजनीति ज्यादा लंबी नहीं चल सकती, झूठ एक बार किसी को परेशान तो कर सकता है परंतु परास्त अतंत: उसी को ही होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब पंजाब की जनता के सामने स्पष्ट हो गया है कि कुछ मौकापरस्त लोगों ने अकाली-भाजपा गठजोड़ की विगत सरकार के खिलाफ किस कदर झूठा अभियान चलाया और वे जनता को गुमराह करने के प्रयास में सफल भी रहे परंतु इसका असर राज्य के विकास पर पड़ा है। एक साल पहले पंजाब जिस गति से विकास कर रहा था वह पिछले 12 महीनों में थम सा गया लगता है। श्री कमल शर्मा ने बताया कि केजरीवाल ने शहीदों की पावन स्थली जलियांवाला बाग में शहीदों को प्रत्यक्षदर्शी बना कर यह कहा था कि सरकार में आने पर वह मजीठिया जैसे लोगों को जेल के अंदर करेंगे और दावा किया था कि उनके पास इस संबंध में पर्याप्त सबूत हैं। अब वे माफीनामे में कह रहे हैं कि उनके पास इसके कोई प्रमाण नहीं थे। केजरीवाल ने ऐसा करके न केवल पंजाब के लोगों बल्कि शहीदों का भी अपमान किया है।