अमृतसर : संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की तरफ़ से निरंकारी सत्संग भवन खानकोट अमृतसर मैं विशाल रक्तदान शिवर लगाया गया। जिसमे श्री निरंजन सिंह जी (रिटायर्ड ईऐएस , सेंट्रल प्रचारक संत निरंकारी मंडल ) सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज जी का पैगाम ले के पधारे और इस रक्तदान शिवर का उद्घाटन बी उन्होने किया। जिस मैं गुरु नानक देव हॉस्पिटल अमृतसर और सिविल हॉस्पिटल अमृतसर की टीमों ने ब्लड यूनिट इकठे किये। इस रक्तदान शिवर मैं 531 यूनिट ब्लड एकठा किया गया। जिस मैं बहनो ने विशेष योगदान दिया। जिक्रयोग है की आज का दिन निरंकारी मिशन मैं बाबा गुरबचन सिंह जी और अनेको शहीदों की याद मैं मानव एकता दिवस के रूप मैं मनाया जाता है आज के दिन पूरे देश मैं 83 रक्तदान शिवर लगाए गए हैं। जिस मैं महाराष्ट्र मैं 14 , उत्तर प्रदेश 11 , पंजाब और राजस्थान मैं 7 -7 , मध्प्रदेश 05 , हरयाणा 04 ,बिहार 04 , हिमाचल प्रदेश 04 , उत्तराखंड 03 ,झारखण्ड – पशचिम बंगाल 3-3 , उड़ीसा 2 , चंडीगढ़ – छत्तीसगढ़- गोवा- आसाम- कर्णाटक- आन्ध्रप्रदेस- केरल एंव तमिलनाडु में 1-1 आदि स्थानों पर लगाए गए। निरंकारी मिशन का पहला रक्तदान शिवर 1986 में लगाया गया। जिसमे बाबा हरदेव सिंह जी ने स्वयंम रक्तदान किया और कहा “खून नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए ” फिर 1987 से लगातार रक्तदान शिवर लगाने का आदेश दिया। तब से ही निरंकारी भगतो ने रक्तदान को अपनी भगति का अभिन्य अंग बना लिया और इन शिवरो में पुरे उत्शाह के साथ शामिल होते गए। लगभग हर एक रक्तदान शिवर में रक्त एकत्रित करने वाली संस्थायों ने और जयादा रक्त लेने से इंकार कर देतीं है क्योकि किसी भी ब्लड बैंक में 29 दिन से ज्यादा रक्त नहीं रखा जा सकता।
बाबा हरदेव सिंह जी ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के निवेदन पर 1997 में ब्लड बैंक्स में गर्मी के दिनों में रक्त की कमी के चलते इन शिवरो को सितम्बर महीने तक जारी रखने का आदेश दिया। 24 अप्रेल 2003 से ही इन शिवरो का आयोजन सालभर किया जाता है। इसलिए अप्रेल 2010 में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का गठीत किया गया और समाज कल्याण और रकतदान शिविर लगाने का जिमा इस सस्था को दिया गया।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन मैं आज तक 5560 रक्तदान शिवरों का अयोजन हो चूका है। जिन मैं 945061 यूनिट्स रकत एकत्रित किया गया।
इस शिविर के साथ एक विशाल सत्संग का भी अयोजन किया गया जिस मैं श्री निरंजन सिंह जी ने सतगुरु माता जी का पैगाम देते हुए कहा की निरंकारी मिशन एक विचारधारा है कोई धरम नहीं है यह पांच मूल सिद्धांत मानवता के वर्धन लिए वरदान हैं जो की सब मैं इंसानियत और विणामतरा भर देते हैं। अगर सब यह समझ जाये की परमात्मा अलग अलग नहीं एक ही है और सब का साँझा है तब सभी झगरौं का ख़ात्मा हो जायेगा।