लुधियाना ( अजय पाहवा) – पंजाब सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने कहा है की राज्य में उद्योगों के लिए दिन प्रतिदिन मजबूत होते जा रहे बुनियादी ढांचे और बढ़ रही संभावनाओं के चलते पंजाब को ’फूड प्रोसेसिंग हब’ के रूप में विकसित किया जायेगा। इस दिशा में उद्योगों के लिए जहां बेहतर वातावरण बनाया जा रहा है, वहीं राज्य के एग्रो और फूड प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र को अहम सेक्टर के तौर पर विकसित करने कई वित्तीय और गैर वित्तीय रियायतें दीं जा रही हैं।
पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी में कंफैडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज ( सी. आई. आई.) और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की हिस्सेदारी के साथ आयोजित किये गए पहले ’पंजाब एग्री एंड फूड कन्कलेव’ को संबोधन करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा की कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में उद्योगों को प्रफुलित करने के लिए चुस्त दुरुसत मजबूत बुनियादी ढांचा मुहैया कराने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा की पंजाब को देश की ’भोजन टोकरी’ के तौर पर जाना जाता है, जबकि पंजाब सरकार एक कदम और आगे बढ़ते इस को अब ’फूड प्रोसेसिंग हब’ के तौर पर विकसित करने के लिए प्रयत्नशील है।
उन्होंने कहा की एक तरफ जहां राज्य में तीन मेगा फूड पार्कों ( लाडोवाल फूड पार्क लुधियाना, सुखजीत मेगा फूड पार्क फगवाड़ा और इंटरनैशनल मेगा फूड पार्क फाजिल्का) स्थापित किए जा रहे हैं, वहीं अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रीयल कोरीडोर के अंतर्गत राज्य में दो मेन्यूफैक्चरिंग कलस्टर स्थापित किये जाएँगे। जिनमें लुधियाना में ’उच्च तकनीक मेन्यूफैक्चरिंग कलस्टर’ और राजपुरा ( पटियाला) में ’इंटीग्रेटिड मेन्यूफैक्चरिंग कलस्टर’ स्थापित करना शामिल है। राज्य में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के विकास के लिए सरकार की तरफ से बहुत अच्छा ’ईको सिस्टम’ मुहैया करवाया जा रहा है। पंजाब सरपल्स बिजली वाला राज्य है। यहां उद्योगों के लिए सस्ती दर पर जरूरत मुताबिक पूरी बिजली सप्लाई की जाती है।
श्री अरोड़ा ने निवेशकों को राज्य में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा की राज्य में निवेश की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि विश्व बैंक ने पंजाब को नया उद्यम आसान तरीके से स्थापित करने के लिए देश का सब से बढ़िया राज्य घोषित किया है। इस के अलावा विभिन्न रेटिंग एजेंसियों ने भी पंजाब के विकास मॉडल को मान्यता दी है। पिछले कुछ समय दौरान देश विदेश के 150 निवेशकों ने अकेले कृषि और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है, जिनमें विश्व स्तरीय कंपनियां आई. टी. सी., पैप्सी, महिन्दरा, गोदरेज, कारगिल, नैरोलैक और रिलांयस आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा की पंजाब सरकार की औद्योगिक और व्यापारिक नीति 2017 में राज्य के एग्रो और फूड प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र को अहम सेक्टर के तौर पर विकसित करने कई वित्तीय और गैर वित्तीय रियायतें देने का ऐलान किया गया है।
सम्मेलन दौरान निवेशकों की तरफ से उठाए गए सवाल का जवाब देते श्री अरोड़ा ने स्पष्ट किया की जो भी नौजवान या उद्योगपति राज्य में नया उद्योग लगाना चाहता है तो बैंकों की तरफ से बिना किसी परेशानी के 5 लाख रुपए से 25 लाख रुपए कर्जे की सुविधा मुहैया करवायी जायेगी। यदि कोई बैंक कर्ज देने से आनाकानी करता है या नाहक अपमानित करता है तो ऐसे सम्बन्धित बैंक खिलाफ पंजाब सरकार की तरफ से बनती कार्यवाही की जाएगी। इस लिए राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को बाकायदा स्पष्ट हिदायतें जारी की गई हैं। उन्होंने स्थापित उद्योगपतियों से आह्वान किया की वह व्यापारिक सामाजिक जिम्मेदारी ( सी. एस. आर.) गतिविधियों के तहत लोगों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान करने आगे आएं।
इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए उद्योग एंव वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री राकेश कुमार वर्मा और निर्देशक श्री डी. पी. एस. खरबन्दा ने पंजाब सरकार की तरफ से तैयार की गई पंजाब उद्योग और व्यापारिक नीति- 2017 के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली। इस मौके 25 निवेशकों की तरफ से पंजाब सरकार के साथ राज्य में 70 क्रोड़ रुपए के निवेश के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस के अलावा पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से भी एक समझौता किया गया, जिस के अंतर्गत यूनिवर्सिटी में 15 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्थापित किये गए फूड प्रोसेसिंग यूनिट ( प्रफुलित केंद्र) के द्वारा तकनीक का विकास किया जायेगा। यूनिवर्सिटी ने तकनीकि विकास को आगे रखते फूड इंडस्ट्रीज के लिए 50 प्रतिशत छूट देने की पेशकश की है।
सम्मेलन दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों और फूड क्षेत्र से सम्बन्धित औद्योगिक शखस्यितें श्री भवदीप सरदाना ( दी सुखजीत स्टार्च एंड कैमीकल्स लिमिटेड), श्री संजय सिंघल ( आई. टी. सी. लिमिटेड), श्री अक्षय बैकटर ( करैमिका फूड इंडस्ट्रीज लिमिटेड), श्री रिंकेश सतीजा ( पैप्सीको कंपनी), श्री सन्दीप कपूर ( स्कूल आफ बिजनस स्टड्डीज) ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी से सम्बन्धित विभिन्न विभागों, कई सरकारी एजेंसियां और निजी कंपनियां की तरफ से अपने फूड स्टाल भी लगाए गए। सम्मेलन में पंजाब एग्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर और सचिव कृषि विभाग श्री विकास गर्ग के अलावा फूड क्षेत्र के साथ जुड़ी़ कई कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें नबी, निफटैम्म, पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज निगम, मार्कफैड और मिल्कफैड प्रमुख हैं।