पंजाब के दुखांत को दुहराउण की तैयारी कर चुकी है कांग्रेस सरकार: अकाली दल

अमृतसर :  शिरोमणी अकाली दल ने दोष लगाया कि कांग्रेस पार्टी एक गहरी साजिश के अंतर्गत पंजाब को फिर आग की भट्टी में झोंकने की तैयारी कर रही है। उन कहा कि कांग्रेस की मानसिकता में आज भी कोई तबदीली नहीं आई है। सिख पंथ और पंजाब के मसलों को सुलझाने की जगह अपनी नाकामियें पर परदापोशी के लिए 35 साल पहले कांग्रेस के प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी की साजि़शी कामों द्वारा हज़ारों बेगुनाह सिक्खों की हत्या कर दी गई।

पूर्व मंत्री और शिरोमणी अकाली दल के जनरल सचिव विधायक स: बिक्रम सिंह मजीठिया और दिली गुरुद्वारा समिति के जनरल सचिव और अबजरवर अमृतसर विधायक स: मनजिन्दर सिंह सिरसा, पूर्व मंत्री स: गुलजार सिंह रणीके, जि़ला प्रधान पूर्व विधायक स: वीर सिंह लोपोके ने सीनियर अकाली नेताओं की मीटिंग दौरान लिए गए फ़ैसलों बारे पै्््रस को जानकार करवाते ऐतिहासिक हवालों के साथ कहा कि अकाली दल श्री गुरु ग्रंथ साहब जी महाराज, सिख सिद्धांत और परंपराओं की मान मर्यादा कायम रखें के लिए शुरू से ही लड़ाई लड़ता आ रहा है और लड़ता रहेगा। उन कहा कि अकाली दल पंथ को कमज़ोर करन और श्री अकाल तख़्त साहब की सरवउच्चता को चुनौती देने वालों को आड़े हाथों लेता रहेगा। उन कहा कि’84 में इंद्रा गांधी सरकार की तरफ से अपनी, नाकामियें से ध्यान हटाने के लिए श्री दरबार साहब अमृतसर पर तोपों टैंकों के साथ हमला करते श्री गुरु गं्रथ साहब जी के कई पवित्र पवित्र सरूपें को अगन भेंट करन के इलावा हज़ारों निर्दोष सिक्खों के ख़ून के साथ होली खेली गई। नवंबर’84 दौरान देश के कई हिस्सों में हज़ारों निर्दोष सिक्खों के हत्याकांड के द्वारा सीख नसलकुशी के लिए भी कांग्रेस ही जि़म्मेदार है। उन कहा कि मौजूदा समय कांग्रेस सरकार पंजाब लोगों के साथ किये वायदों को पूरा करन में नाकाम रही है और इसी नाकामी को छिपाने और लोगों का ध्यान हटाने के लिए पंजाब के लोगों को साजिश के अंतर्गत घेर रही है और पंजाब में भाई बरसाती जंग के लिए ज़मीन तैयार कर रही है। उन कहा कि सिक्ख कौम के हितों के लिए आवाज़ बुलंद करन वाली कौम की सिरमौर जत्थेबंदियाँ संस्थायों और राजनैतिक पार्टी के अक्स को गिराने विरोधी पार्टियों ने संकुचित राजसी स्वार्थ के लिए बहुत गहरी साजिश के अंतर्गत श्री गुरु गं्रथ साहब जी के पवित्र सरूपों की बेअदबियें करवाई थे। आज कांग्रेस के हाथों में खेल के हुए पंथ से नकार हुए मु_ी भर लोग सिख धर्म भेस में मोर्चा लगाई बैठे हैं। जिन संकुचित मकसद अधीन कांग्रेस को लाभ पहुँचाने के लिए सिख कौम में दुविधा खड़ी करते और भाई – भाई जंग के द्वारा पंजाब को फिर से लांबू लाने की ताक में हैं।

उन कहा कि अपने आप बना मोर्चा बेअदबियें प्रति लोगों को गुमराह करन प्रति एक गहरी साजिश का हिस्सा है। जो कि कांग्रेस की तरफ से योजनाबद्ध तरीको साथ अपने पिओं से अपनी ही सरकार खि़लाफ़ शुरू कराया गया और हर तरह राजसी और आर्थिक हिमायत दी गई। उन कहा कि कांग्रेस सरकार अपने आप बना मोर्चे के द्वारा पंजाब के असली मुद्दों से लोगों को भटकाउण की असफल कोशिश कर रही है। राज सरकार लोगों को उकसा कर बेरोजग़ारी, किसान हत्याएँ, किसानी करज़्यें को मुआफ करन और नशों के पसारे को रोकनो में बुरी तरह फ़ेल होने पर परदापोशी करना चाहती है। उन बताया कि यह पहला मोर्चा है जिस में सरकारी तंत्र का खलम खुला इस्तेमाल हो रहा है। कांग्रेस सरकार के नुमायंदों और विदेशी फंडिंग का मामला सामने आने साथ यह स्पष्ट होगया है कि उक्त अपने आप बना मोर्चो के नेता अपने आप बना जत्थेदारों की तरफ से विदेश की संगतें को गुमराह करते अपनी, जेबों गर्म की जा रही हैं। जिस प्रति रिपोर्ट प्रसारित होने पर सरकार अपनी, एजेंसियाँ की रिपोर्ट दबाने पर लगी हुई है। उन बताया कि समझदार सीख संगतें इस प्रति सचेत हैं। उन कहा कांग्रेस अपने पि_ूओं के द्वारा अपने आप बना मोर्चे लगा कर सिक्खों कौम को गुमराह नहीं कर सकेगी। उन कहा कि अपने आप बना मोर्चो के नेता वही लोग हैं जिन दो ढाई साल पहले चबो में कांग्रेस की हिमायत के साथ अपने आप बना पंथक जलसा करते लोगों को वरगलाउण की कोशिश की। जिन की असली मकसद और मानसिकता को भाँप वालों लोगों ने उन की जल्द फूँक निकाल दी थी।

वही लोग हैं जो कभी कांग्रेस की तरफ से श्री दरबार साहब पर किये गए हमले और सीख हत्याकांड खि़लाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं रखते परन्तु अब एक बार फिर कांग्रेस को पेश मुश्किल में वफ़ादारी जताने के लिए उन की पीठ पर आने खड़े हैं। कुछ कांग्रेस मंत्रियों और दिल्ली के अपने आप बना सीख नेता परमजीत सिंह सरना जो कि गांधी परिवार, शीला दीकशत और दिल्ली सीख हत्याकांड के दोषी जगदीश टाइटलर और सजन कुमार जैसे का दोस्त हैं की तरफ से मोर्चो में पहुँच कर अपने आप बना जत्थेदारों को गांधी परिवार की हिदायतें देने और उन को गाईड करन के साथ मोर्चो का गुप्त एजेंडा भी बेनकाब हो गया है। उन बताया कि कुछ लोग सिक्खी के भेस में पंथ में छिपी बैठे हैं। उन अपने आप बना जत्थेदारों को सवाल किया कि वह कहने मुताबिक हज़ारों सीख नौजवानों के कातिल केपीएस गिल के अंतिम रस्मों में शामिल हुए कांग्रेसियों खि़लाफ़ कार्यवाही क्यों न की। उन कांग्रेस हाई कमान को सवाल किया कि क्या वह पंजाब कांग्रेस और कांग्रेस सरकार की तरफ से रची गई साजिश को सहमति और शह दे कर पंजाब में भाई बरसाती जंग करवा कर फिर पंजाब को आग की भट्टी में झोंकना चाहती है। उन कांग्रेस हाई कमान को आगाह करते अपनी, गलतियाँ न दुहराउण और पंजाब को अपनी संकुचित राजनीति का अखाड़ा न बनाने के लिए भी कहा है। आखिर में नेताओं ने पंजाब के लोगों को कांग्रेस की साजिशें प्रति सचेत रहने की अपील करते कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह समझ लेना चाहिए कि हाल ही में उस की तरफ से सिक्ख मामलों प्रति झूठी चिंता और लालसा का दिकावा करके भी सीख कौम और पंजाब के लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकेगा। इस मौके पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बौनी अजनाला, डा: दलबीर सिंह वेरका, मलकीत सिंह ए आर, मीडिया कोऑर्डिनेटर सरबजीत सिंह साबी मुकेरियाँ, शहरी प्रधान गुरप्रताप सिंह टिका, स्रोमनी समिति मैंबर भाई रजिन्दर सिंह मेहता, भाई मनजीत सिंह, एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका, जोध सिंह सम्रा, बावा सिंह गुमानपुरा, हरजाप सिंह सुलतानविंड, सुरजीत सिंह भिटेवड, बीबी किरनजोत कौर, अमरजीत सिंह बंडाला, मलविन्दर सिंह खापडख़ेड़ी, बलदेव सिंह तेड़ा, बिक्रमजीत सिंह कोटला, परमजीत सिंह प्रधान यह था टेढ़ापन, आर था यादव प्रधान प्रवासी टेढ़ापन, बीबी राजविन्दर कौर, बीबी वजिन्दर कौर वेरका, गुरप्रीत सिंह रंधावा, रजिन्दर सिंह मरवाह, रवेल सिंह, राणा रणबीर सिंह लोपोके, मेजर शिवि और पिरो: सरचांद सिंह आदि मौजूद थे।

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