जालन्धर : अपने आप को डिप्टी कमिशनर जालंधर का पी.ए. बताकर लोगों को फोन करने वाले व्यक्ति को डिप्टी कमिशनर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा और पुलिस कमिशनर श्री पी.के. सिन्हा ने सुधरने का एक अवसर देकर छोडने का फैसला लिया गया है।
दोनों आधिकारियों ने संशोधित ढंग अपनाने के साथ-साथ दोषी के बुरे हालत और उसकी पत्नी की बुरे स्वास्थ्य को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
तरुणजीत सिंह नामी यह व्यक्ति लोगों को फोन करके अपने आप को डिप्टी कमिशनर का पी.ए. बताता था। यह मामला ध्यान में आने पर डिप्टी कमिशनर ने पुलिस कमिशनर को मामले की जांच करने के लिए कहा, जिस पर कार्यवाही करते हुए उन्होनें सी.आई.ए. स्टाफ के प्रमुख अजय कुमार को सभी मामलों की पडताल करने के लिए निर्देश जारी किये। पुलिस ने 18 घंटे में ही व्यक्ति की पहचान करके उसे हिरासत में लिया गया।
पूछताछ के दौरान तरुणजीत सिंह ने बताया कि उसने ही डी.सी. के पी.ए. के तौर पर फोन किये था क्योंकि उसकी पत्नी बहुत बीमार है। उसने कहा कि उसकी पत्नी साल 2000 से गुरदे फैल होने के कारण बीमारी से जूझ रही है जिस कारण उसकी बहुत बुरी हालत है। उसने कहा कि उसकी पत्नी का सप्ताह में दो दिन डाईलसस होने के कारण वह अपनी नौकरी से भी हाथ धो बैठा। इस कारणा ही वह एक स्थानीय स्कूल में पढ रही अपनी बेटी के स्कूल की फीस भी नहीं दे सकता। तरुणजीत सिंह ने लिखित रूप में अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में ऐसा न करने का वायदा किया गया।
दोनों आधिकारियों ने तरुणजीत सिंह की तरफ से किये दावों को स्थानीय पुलिस की तरफ से जांच करवाई जिस दौरान वह सत्य निकले जिस पर दोनों आधिकारियों ने मानवता के आधार पर तरुणजीत विरुद्ध कोई कार्यवाही न करन का फैसला किया गया। इस के अतिरिक्त उनकी तरफ से स्थानीय स्कूल के साथ बात करके उसकी बच्ची की फीस माफ करवाई गई है। दोनों आधिकारियों ने यह भी कहा कि उस पर कडी निगरानी रखी जायेगी और भविष्य में ऐसी किसी हरकत पर उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।