जिलाधीश ने पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी लेने का आमंत्रण

जालन्धर : जिलाधीश जालन्धर श्री वरिंदर कुमार शर्मा ने किसानों को न्योता दिया है कि वे जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए धान की पराली को जलाने की परम्परा को रोकने के लिए कृषि उपकरणों पर दी जाने वाली सब्सिडी  का अधिक-से-अधिक लाभ उठाये।

जिलाधीश ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्य  मंत्री पंजाब के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा धान की पराली के निपटारे के लिए किसानों को अति-अधुनिक कृषि उपकरणों की क्रय (खरीद)पर बडे स्तर पर सब्सिडी उपलब्ध  करवाई जा रहा है। उन्होने कहा कि किसानों को कृषि उपकरणों का ज्यादा-से ज्यादा प्रयोग करके धान की पराली को जमीन मे ही दबा कर जमीन की उपजाऊ शक्ति  को बनायेरखना  चाहिए। श्री शर्मा ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों को कृषि उपकरण जैस हैपी सीडर, सुपर स्ट्रा मेनैजमैंट सिस्टम, मलचर, पैडी चोपर सीडर, एम.बी हल आदि उपकरणों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध  करवाई जा रही है। जिलाधीश ने आगे बताया कि इस के अतिरिक्त  पंजाब सरकार द्वारा गठित किसान सोसाईटियों या ग्रुपों को इस कृषि उपकरणों के क्रय (खरीद) पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी  उपलब्ध  करवाई जा रही है। उन्होने कहा कि यह समय की जरूरत है कि किसानों को अपनी आमदन में वृद्धि करने के लिए अति-अधुनिक कृषि उपकरणों की तकनीक को अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि यह उपकरण किसानों की आमदन मे वृद्धि करके उनकी अर्थिक अवस्था को सुधारने मे अति सहायक सिद्ध हो सकती है जैसे कम हो रही कृषि योग्य जमीन, बढ रहे खेती  लागतों के कारण कम हो रहे लाभ जैसी समस्याओं से निजात पाने में सहायक होगी।

जिलाधीश ने कहा कि कृषि क्षेत्र मे यह अति-अधुनिक तकनीक अपनाने से फसली परिर्वतन से खाद्य उत्पादन के लिए अधिक-से-अधिक लाभ को विश्वसनीय बनायेगी जोकि समय की मुख्य  जरूरत भी  है। उन्होने कहा कि ये सब्सिडी  पर दी जाने वाले उपकरणों जैस हैपी सीडर, सुपर स्ट्रा मेनैजमैंट सिस्टम, रीवरसीबल पलेय , जीरो टिलर, रोटावेटर और अन्य शामिल है जो किसानों के लिए फसलों के अवशेषों को खेतो  मे ही निपटारे के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगी। उन्होने कहा कि इन उपकरणों पर स4िसडी उपलब्ध  करवाने का मुख्य उदेश्य खेती  फसलों के अवशेषों को खेत में ही जोत कर जमीन की उपजाऊ श1ित को बनाये रखने  और वातावरण को प्रदूषण मुक्त  रखना  है।

जिलाधीश ने कहा कि धान की पराली को आग लगाने से जमीन के कई बहु-उपयोग तत्व नष्ट हो जाते हैं। उन्होने कहा कि धान की पराली को आग लगाने से कई प्रकार की हानिकारक गैसें पैदा होती है जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। श्री शर्मा ने कहा कि धान की पराली को आग लगाने की अपेक्षा किसानों को इसका निपटारा करने के लिए कृषि के अति-अधुनिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए।

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