जालन्धर : पराली जलाने के बुरे प्रभावों और उचित उपयोग के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से जिले के कई गाँवों का दौरा किया गया। और ज्यादा जानकारी देते हुए कार्यकारी इंजीनियर अरुण कुमार ककड ने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम की तरफ से नागरा, नन्दपुर, वरयाना, मंड, फरज़पुर, कोहाला, बुड्डा पिन्दर और अठोला गाँव का दौरा किया गया। उन्होने कहा कि हर टीम की अध्यक्षता सहायक कार्यकारी इंजीनियर की तरफ से की गई जिन्होने किसानों से पराली को ना जलाने से संबंधित गंभीर मामले पर बातचीत की।
कक्कड़ ने कहा कि किसानों को इन्न-सीटू तकनीक के अंतर्गत पराली के सही उपयोग के बारे में उनका मार्गदर्शन किया गया और बताया गया कि बाद में वह इन्न-सीटू तकनीक के अंतर्गत संभाली गई पराली को बायऊमास प्लांट में बेच सकते हैं जिसका प्रयोग करके बिजली पैदा की जा सकती है। उन्होने किसानों को और जानकारी देते हुए बताया कि अवशेषों को ज़मीन में ही अति-आधुनिक उपकरणों के प्रयोग से मिलाने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है जो फ़सलों के लिए अच्छी होती है। इस के अतिरिक्त टीम ने किसानों को पराली ना जलाने से पैदा होने वाले ज़हरीले गैसों के बारे में जानकारी के लिए पैंपलट और पोस्टर भी बाँटे गए।