दिल्ली : निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, जी.टी.रोड, समालखा में तीन दिवसीय 71वाँ वार्षिक निरंकारी सन्त समागम प्रेमपूर्वक सदभाव पूर्ण, एकत्व एवं मिलवर्तन के साथ सम्पन्न हुआ। समागम के अन्तिम दिन सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज नेसम्बोधित करते हुए कहा कि ज्ञान की रोशनी से नफरत प्यार में बदल जाती है, यह तभी संभव होता है जब हमें एक निरंकार प्रभु परमात्मा की जानकारी हासिल हो जाती है। निरंकारी मिशन का यही सन्देश है कि आपस में जाति-पाति का कोई भी भेद-भाव नहीं होना चाहिए। सद्गुरु माता जी ने समागम पर आने वाले लाखों भक्तों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि जो किसी कारण से पीछे रह गये हैं और समागम में नहीं आ पाये, उनकी भी समागम में हाजिरी परवान है। उन्होंने आगे कहा कि सभी सन्तों ने आने वाले साल में भी तन-मन-धन की सेवा करनी है, सत्संग व सिमरण जीवन में उतारना है। सत्संग में आने का कोई हिसाब नहीं होता और यह कोई रीति-रिवाज नहीं है। प्रेम में कोई हिसाब ही नहीं होता।
उन्होंने कहा कि समालखा के इस आध्यात्मिक स्थल को बाबा जी की बनाई गई योजना के अनुसार और इसके साथ ही दिल्ली में बनने वाले हैल्थ सिटी के कार्य को आरम्भ किया जायेगा और इस कार्य को साध संगत ने साथ मिलकर पूरा करना है।
समागम पर माता सविन्दर हरदेव जी के जीवन को समर्पित एक वृत्तचित्र भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें माता जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें एक-दूसरे का सहयोग करते हुए, कन्धे-से-कन्धा मिलाकर जीवन चलाना है और निरंकार पर पूर्ण विश्वास रखना है। पल-पल जो भी हमारे साथ हो रहा है वो हमारी भलाई में ही है क्योंकि निरंकार ही हमसे बेहतर जानता है।
समागम के दौरान भक्तों ने “माँ सविन्दर – एक रोशन सफर” विषय पर आधारित गीत, कविता व व्याख्यानों में माता सविन्दर हरदेव जी के जीवन से प्रेरणा लेने के भाव हिन्दी, पंजाबी, अंग्रेजी, उर्दू, हरियाणवी, डोगरी, मुल्तानी, गुजराती, मैथिली, बांग्ला, असमीया, तेलुगु एवं कन्नड़ भाषायों में व्यक्त किये।
सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने सभी सरकारी विभागों- पुलिस, रेलवे, एयरपोर्ट, सरोवर, लंगर, प्रकाशन, डिस्पैन्सरी, विकलांग सेवा, दूर-देशों का विभाग, प्रदर्शनी, बच्चों की प्रदर्शनी, सन्त निरंकारी चेरीटेबल फाउंडेशन प्रदर्शनी, लुधियाना रंगमंच टीम, प्रेस एवं पब्लिसीटी, शौचालय सेवा, प्याऊ, बिजली, पानी, ले-आऊट, समागम कमेटी, सेवादल सन्त निरंकारी चेरीटेबल फाउंडेशन, स्टूडियो, पार्किंग, ट्रैफिक, खोया-पाया एनाउन्समेंट, सुरक्षा पुलिस, इन्टरनेट, ग्रीन-रूम, स्टेज सैक्ट्रीज़, रिकाॅर्डिंग, आर्टग्रुप, लेखा-जोखा एवं वित्त विभाग, आॅर्थोपेडिक डाॅक्टर टीम, पण्डाल रिसेप्शन एवं गाईड, भवन दर्शन, साऊंड सिस्टम, ट्रांसपोर्ट, सभी कार्यकारिणी एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य, ज्ञान प्रचारक, जोनल इंचार्ज, मुखी, संयोजक, सेवादल अधिकारी और समस्त साध-संगत का आभार व्यक्त किया। समागम के सम्पन्न होते ही भक्तों ने अपने-अपने गंतव्य स्थलों की ओर प्रस्थान करना आरम्भ कर दिया। इसके साथ ही जिन भक्तों को कुछ समय के बाद जाना है, उनके लिए निरंकारी मिशन द्वारा समागम स्थल पर ही रहने की व खाने-पीने, लंगर आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।