जालन्धर : स्वास्थ्य विभाग के जिला सब डिविजऩ और क6युनिटी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वाईन-फ्लू का इलाज बिल्कुल नि:शुल्क किया जाता है ,यह जानकारी सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार बग्गा दी । सिविल सर्जन ने लोगो से अपील की कि किसी भी किस्म की बीमारी या समस्या से डरना उसका इलाज नहीं है, बल्कि हमें उससे निपटने के यत्न करना चाहिए।
डा.बग्गा ने बताया कि स्वाईन-फ्ल र.एच.इन3लूएंजा-ए वायरस के साथ होने वाली बीमारी है। इस वायरस की एक किस्म एच.9१ एन-१ है, जो स्वाईन93लू के साथ संबन्ध र2ाती है। उन्होनें बताया कि २०0वीं शताबदी में यह वायरस सिफऱ् सूअरों में पाया गया था और १९७० और ८० में अमरीका में 2ाोज हुई तो मानव में इस वायरस के होने का पता चला। उन्होनें कहा कि यदि शुरुआत में इसके लक्षणों के बारे में पता चल जाए तो इस की रोकथाम करना हो जाता है ।
सिविल सर्जन ने कहा कि स्वाईन93लू के बारे में जागरुक होने की ज़रूरत है, जिससे स्वाईन93लू के साथ प्रभावित मरीज़ों का इलाज शुरू किया जा सके । उन्होनें बताया कि स्वाईन93लू के दौरान मरीज़ को १०० डिगरी से ज़्यादा बु2ाार आना आम बात है, साथ ही साँस लेने में तकलीफ़, नाक से पानी बहना, भू2ा ना लगना, गले में जलन और दर्द, सरदर्द रहना, जोड़ों में सूजन, उलटी और डायरिया भी हो सकता है।
उन्होनें कहा कि स्वाईन93लू की रोकथाम के लिए डॉ1टर की सलाह लेनी चाहिए,शरीर में हुई पानी की कमी की पूर्ति के लिए तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए, और 2ाट्टी और ठंडी 2ााने -पीने वाली वस्तुओं से परहेज़ करना चाहिए। स्वाईन93लू संबंधी सावधानियों के बारे में जानकारी देते हुए डा. बग्गा ने कहा कि 2ााँसते या छींकते समय अपना मुँह और नाक रुमाल से ढकना चाहिए। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज़ करना चाहिए और 2ााँसी, बहती नाक, छींकने वाले और बु2ाार पीडि़त व्यक्ति से एक मीटर की दूरी बना कर र2ानी चाहिए। उन्होनें कहा कि कुछ 2ाास सावधानियों को ध्यान में र2ाते स्वाईन93लू से बचा जा सकता है।
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