जालंधर : काउंटर इंटेलिजेंस विंग और सिटी पुलिस जालंधर ने आज खालिस्तान कमांडो फोर्स और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े चरमपंथी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपी की पहचान युगांडा के रहने वाले नागरिक अमरीक सिंह उर्फ़ मंगा पुत्र अछर सिंह वासी गांव सरीह, जालंधर के रूप में की गई है। उसने नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया और पिछले दो वर्षों से अवैध रूप से रह रहा है। एक प्रेस विज्ञप्ति में, एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस हरकमल प्रीत खख ने कहा कि आरोपी दो मामलों एफआईआर संख्या 173 और 175 वर्ष 2006 में भगोड़ा करार था।ये केस सतनाम सिंह सत्ता के द्वारा जालंधर बस स्टैंड पर किये गए दो बम्ब धमाको के मामले में दर्ज हुए थे।
धमाकों की जानकारी देते हुए, एआईजी खख ने कहा कि ये धमाके पाकिस्तान में बैठे के. जेड. एफ. प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और यूएसए के बलविंदर सिंह पोसी ने करवाये थे। 28 अप्रैल के विस्फोट में तीन लोग हताहत हुए थे, जबकि दूसरे विस्फोट को आरोपियों द्वारा ठीक से नहीं किया जा सका था और उस से ज्यादा नुकसान नही कर पाए थे। गिरफ्तार अभियुक्त की प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वह वर्ष 1992 से 1995 तक आतंकवाद के समय आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे। वह प्रसिद्ध आतंकवादी गुरदीप सिंह @ दीपा हेरा वाला जो खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख आतंकी था का साथी रहा है। जिसने उसे एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल मुहैया करवाया था, जिसका इस्तेमाल उसने अपने ओर साथियों सहित मिल कर वर्ष 1995 में कुछ डकैती की घटनाओं के लिए किया था।
वर्ष 1998 में, उन्होंने अपने छह सहयोगियों के साथ गुरु नगर मॉडल टाउन जालंधर में एक व्यक्ति हरविंदर सिंह भोला की हत्या कर दी। इस हत्या के मामले में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। उसने आगे खुलासा किया कि वह अपनी पैरोल जंप कर भारत से युगांडा के लिए उड़ान भरने में कामयाब हो गया था। 2003 में, उसके भारतीय पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो गई और उसने युगांडा गणराज्य से अपने पिता के नाम हरमेल सिंह दर्ज करवा ओर गलत जन्म तिथि, 15/05/1975, बता पासपोर्ट बनवा लिया था।
प्रारंभिक पूछताछ के विवरण के बारे में बताते हुए, एआईजी ने कहा कि अमरीक सिंह पाक स्थित रंजीत सिंह नीटा और यूएस बेस्ड परमजीत सिंह @ बाबा गद्दरी और बलविंदर सिंह पोसी @ हैप्पी के साथ निकटता में रहा है, जो आतंकी संगठन के जेड एफ से संबंधित है।
वर्ष 2003 में, बलविंदर पोसी और रणजीत नीटा के निर्देश पर, उन्होंने सतनाम सिंह @ सट्टा लसुरी और निर्मल सिंह को युगांडा आने के लिए प्रायोजन भेजा, उन्हें युगांडा में प्राप्त किया, युगांडा में उनके प्रवास का प्रबंधन किया और बाद में वहाँ से सतनाम सिंह को बम बनाने और अन्य हथियार चलाने के प्रशिक्षण दिलवाने के लिए पाकिस्तान भेजा। अमरीक सिंह को अदालत ने 2007 में थाना माडल टाउन के मुकदमा एफआईआर नंबर 173/2006 ज़ेरे धारा 3,4,5 विस्फोटक अधिनियम और एफआईआर नंबर175/2006 ज़ेरे धारा 302,307,436 आईपीसी,3,4,5 विस्फोटक अधिनियम में घोषित अपराधी घोषित किया हुआ था।
साल 2012 में अमरीक सिंह को युगांडा पुलिस ने अवैध मानव तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया और वह चार साल तक युगांडा जेल में रहा। इस मामले के कारण युगांडा में भारतीय दूतावास ने उन्हें तीन बार भारतीय वीजा देने से इनकार कर दिया। जनवरी 2017 में, वह नेपाल के रास्ते भारत पहुंचा, वह नेपाल के काठमांडू में 14 दिनों तक रहा और उसके बाद वह ट्रेन द्वारा नेपाल सीमा से दिल्ली पहुंचा और बस से अपने गांव चला गया। अब वह वैध वीजा के बिना भारत में अवैध रूप से रह रहा था, उसे एक विश्वसनीय स्रोत द्वारा दी गई सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया है और उसके खिलाफ पुलिस थाना सदर जालंधर में मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच के लिए उसे आज पुलिस रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।