जालंधर : जिलाधीश जालंधर वरिन्दर कुमार शर्मा ने समूह सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेटों को कहा कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में गेहूँ की निर्विघ्न खरीद और उठाने को यकीनी बनाने के लिए मंडियों के नियमत तौर पर दौरे किया जाएँ। जिला प्रशासकीय कंपलैक्स में स्थित गेहूँ की खरीद प्रक्रिया का जायज़ा लेने के लिए मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए जिलाधीश कहा कि गेहूँ की खरीद में किसी प्रकार की देरी और लापरवाही को बिल्कुल सहन नहीं किया जायेगा। उन्होनें सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेटों को कहा कि मंडियों में जैसे ही किसानों गेहूँ लेकर आते है, उस की तुरंत खरीद को विश्वसनीय बनाया जाये।
जिलाधीश ने सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेटों को यह भी कहा कि वह स्वंय गेहूँ की खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए रोज़ाना मंडियों में जाएं। उन्होनें राजस्व आधिकारियों को भी कहा कि उन को स्थानीय स्तर पर ब्लाक विकास पर पंचायत अधिकारियों के साथ गेहूँ की समय खरीद को यकीनी बनाने के लिए मंडियों का दौरा करना चाहिए। शर्मा ने आधिकारियों और कर्मचारियों को हिदायत दी कि रोज़ाना शाम को उन को गेहूँ की ख़रीद सम्बन्धित रिपोर्ट भेजने को यकीनी बनाया जाये। उन्होनें बताया कि पिछले साल ख़रीद की गई 5.39 लाख मैटरिक टन के मुकाबले इस बार साल 2019 -20 दौरान मंडियों में 5.50 लाख मीटरिक टन गेहूँ खरीद किये जाने की संभावना है। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि जिले में गेहूँ की खरीद के लिए 78 खरीद केंद्र बनाऐ गए हैं।
जिलाधीश ने कहा कि जिला प्रशासन वचनबद्ध है कि किसानों को जिले की मंडियों में फ़सल बेचने के लिए किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। शर्मा ने किसानों से अपील की कि वह गेहूँ को अच्छी तरह सुखा कर ही मंडियों में लाने और गेहूँ की पराली को आग न लगाएं क्योंकि इससे वातावरण का बहुत बड़ा नुक्सान होता है जो कि मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो रहा है। इस अवसर पर जिला मंडी अधिकारी श्री वरिन्दर खेड़ा, जिला ख़ुराक और सिविल स्पलाई कंट्रोलर नरिन्दर सिंह और अन्य भी उपस्थित थे।