जंडियाला (खडूर साहिब) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि उसने पंजाब के लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि केंद्र सरकार का हिस्सा होते हुए पंजाब के लिए समस्या ही पैदा की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पंजाब या यहाँ के लोगों की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और केंद्र सरकार ने सूबे के लिए रत्ती भर भी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि बीबी केंद्र सरकार में मंत्री होने के बावजूद अपने सूबे के लिए कुछ भी करने में असफल रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह खडूर साहिब और अमृतसर से कांग्रेस के उम्मीदवारों जसबीर सिंह डिम्पा और गुरजीत सिंह औजला के समर्थन में इकठ्ठा हुए लोगों द्वारा किये गए सवालों का जवाब दे रहे थे। मंडियों में से गेहूँ की धीमी उठवाई बारे पूछे गए एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह समस्या खड़ी करने के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की क्योंकि उसकी वजह से सूबे में बोरियों की कमी पैदा हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे विरोधी हमारे लिए समस्याएँ पैदा करने के लिए नये दांव-पेच अपना रहे हैं। उन्होंने सभी बोरियाँ हरियाणा की ओर भेज दीं हैं जहाँ उनकी अपनी पार्टी सत्ता में है। प्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने पंजाब की कांग्रेस सरकार को नीचा दिखाने और हरियाणा में भाजपा की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का शर्मनाक काम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बादलों के कहने पर किया गया है। सूबे की बोरियाँ हरियाणा की तरफ भेजने के लिए केंद्र के पास कोई भी कारण नहीं था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार यह यकीनी बनाएगी कि किसानों को कोई भी समस्या न आए और यह सभी समस्याओं के हल के लिए हर यत्न करेगी। अकालियों के कार्यकाल के दौरान बेअदबी की 113 घटनाएँ घटने के लिए मुख्यमंत्री ने अकालियों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अकालियों ने गुरू ग्रंथ साहिब और गुटका साहिब की बेअदबी की आज्ञा दी। इसके साथ ही उन्होंने दूसरे धार्मिक ग्रंथों की भी बेअदबी होने दी। अकालियों ने अपने राजनैतिक हितों के लिए फूटडालू और सद्भावना को हानि पहुंचाने वाला माहौल पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अकालियों को इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा। मैडीकल स्टोरों और कैमिस्टों द्वारा सूचीबद्ध एल ड्रग बेचे जाने की शिकायतों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने इसके विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने का वादा किया है और उन्होंने शिकायत करने वालों को पूरी सूचना भेजने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी तब लाखों नौजवान नशों में जकड़े हुए थे। पिछली सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ भी नहीं किया जबकि उनकी सरकार ने एस.आई.टी. स्थापित की जिसने 26000 से अधिक तस्करों को गिरफ़्तार किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की तरफ से खोले गए केन्द्रों में नशों में फंसे लोगों का इलाज किया जा रहा है। गाँवों में रहने वाले बेघर परिवारों को पाँच मरले के प्लॉट देने के किये गए वादे सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही 1,32,620 प्लॉटों का ऐलान कर दिया है। जिन गाँवों में पंचायतों के पास ज़मीनें उपलब्ध हैं उन गाँवों में कम से -कम 10 प्लॉट अलॉट करने के लिए डिप्टी कमीश्नरों को लक्ष्य दिया गया है। मुख्यमंत्री ने किये सभी वादे पूरे करने की वचनबद्धता दोहराई और कहा कि कृषि ऋण माफ करने की स्कीम चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है चाहे कि सूबे की वित्तीय हालत ठीक नहीं है।
सूबे में पानी की चिंताजनक स्थिति के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने फ़सलीय विभिन्नता पर ज़ोर दिया और इसको पानी की समस्या से निपटने का एकमात्र हल बताया। उन्होंने कहा कि गेहूँ और धान के अलावा अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर केंद्र सरकार को इस सम्बन्ध में सूबे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किये जाने की ज़रूरत है।
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