जालंधर : जिलाधीश जांलधर वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि पशुपालन विभाग ने जालंधर में टैबलेट कंप्यूटरों का उपयोग करके डिजिटल रूप से55 प्रतिशत लाईवस्टाक पशुओं की मतगणना की है। शर्मा जिनके साथ अतिरिक्त जिलाधीश (विकास) श्री कुलवंत सिंह भी मौजूद थे ने जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग में पहली बार हुआ है कि विभाग द्वारा नस्लों और पशुधन की अन्य विशेषताओं के अनुसार डेटा इकठठा करने के लिए मतगणना डिजिटल तरीके से गई है। उन्होनें बताया कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में करीब 4,61635 निवासी हैं जिन को पशुपालन विभाग के वेटनरी डाक्टर के साथ साथ एक विशेष ब्रांच जिस को टेबलेट कंप्यूटर पर जनगणना करने सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ।
उन्होंने कहा कि विभाग के स्टाफ की तरफ से मवेशी , भैंस , कुत्ता , भेड़ , बकरी , सुअर , घोड़ा ,खच्चर, गधा,ऊंट, कुत्ते, खरगोश, हाथी, मुर्गी, मुर्गा,बत्तख, एमू, टर्की और अन्य कई पशुओं की विभिन्न प्रजातियों को कवर किया जा रहा है जो कि घरों, गैर घरेलू ,उद्यमिंयो और संस्थानों द्वारा रखे गए है उन सभी को मतगणना में शामिल किया है । जिलाधीश ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 2012 में जो जनगणना हुई थी उसके अनुसार 4 लाख के करीब पशुधन जिले में है।
उन्होनें कहा कि मोबाईल एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर पहले ही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा तैयार किया जा चुका है, जिससे डेटा को ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। जिलाधीश ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की तरफ से जनगणना 16 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी ।
इससे पहले, पशुपालन टीम ने वार्ड -38 में पशुधन की जनगणना शुरू की, जहाँ टीम के सदस्यों ने साहीवाल नस्ल की दो गायों का विवरण इकठठा किया। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरैक्टर डा महिंदर पाल, सीनियर पशु चिकित्सा अधिकारी डा बलजीत सिंह घुम्मन, मवेशी जनगणना के लिए जिला नोडल अधिकारी डा करनदीप सिंह संघा, डा सरवन सिंह कटारिया, एनुमेटर पशु चिकित्सा निरीक्षक श्री अशोक कुमार और अन्य उपस्थित थे।