कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर: जिले में फसलों के अवशेषों को आग लगाने से रोकने और इसके उचित निपटारे के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग की तरफ से किसानों को इन -सीटू प्रबंधन के अंतर्गत जागरूक करने की मुहिम की शुरुआत की गई और यह मुहिम पंजाब सरकार और ख़ास कर जिला प्रशासन को फसलों की अवशेषों को आग लगाने के रुझान को रोकने में सहायता करेगी। मुख्य कृषि अधिकारी डा.सुरिन्दर सिंह जिनके साथ कृषि अधिकारी श्री नरेश गुलाटी भी मौजूद थे की तरफ से किशनगड़ और सरमसतपुर गाँवों में किसानों को इन -सीटू प्रबंधन तकनीक के अंतर्गत फसलों की अवशेषों के उचित निपटारों के प्रति जागरूक किया गया। उन्होने इस अवसर पर किसानों को रोटावेटर, उलटावें हल की विधि और लाभों के बारे में चर्चा की गई। उन्होने बताया कि फसलों की अवशेषों को खेतों में मिलाने से जहाँ जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है वहां ही इस के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। उन्होने बताया कि विभाग द्वारा किसानों को फसलों की अवशेषों को जलाने से वातावरण और मानवीय स्वास्थ्य पर पड़ते बुरे प्रभावों के प्रति खेतों का दौरा करके, जनतक अनाऊंसमैंट प्रणाली, वटस एप संदेश और अन्य तरीकों के द्वारा जागरूक करने के लिए मुहिम की शुरुआत की गई है।
मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों को कोविड -19 महामारी के बारे में बताते कहा गया कि फसलों की अवशेषों को आग ना लगा कर ज़िला प्रशासन को इस महामारी के विरुद्ध जंग जीतने में सहयोग दिया जाये क्यूंकि गेहूँ के अवशेषों को आग लगाने साथ कोविड -19 पॉजिटिव मरीजों को साँस लेने में तकलीफ होती है। उन्होने कहा कि इस का मु2य उेदश्य किसानों को गेहूँ के अवशेषों को जलाने से होने वाले बुरे प्रभावों से अवगत करवाके साफ सुथरे वातावरण को विश्वसनीय बनाना है। कृषि विभाग की टीम ने नौगज्जा दाना मंडी में गेहूँ की ख़रीद प्रक्रिया का भी जायजा लिया गया और ख़रीद प्रक्रिया और सामाजिक दूरी पर तसल्ली का प्रगट किया गया।