पंजाब की आठ यूनिवर्सिटीज़ बिना वाइस चांसलर के कर रही कामः सांसद गुरजीत औजला

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 24 नवम्बर 2024: सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज पंजाब सरकार के समक्ष पुरजोर मांग करते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द यूनिवर्सिटीज़ के वाइस चांसलर नियुक्त करें। उन्होंने बताया कि पंजाब की 6 यूनिवर्सिटीज़ पहले से बिना वीसी के काम कर रही हैं और इसमें  अब अन्य दो और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय शामिल हो गए हैं।

प्रेस ब्रीफ के जरिए जानकारी देते हुए सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि पंजाब के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला,  महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिंडा,  शहीद भगत सिंह राज्य विश्वविद्यालय, फिरोजपुर, सरदार बेअंत सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी, गुरदासपुर,  गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, होशियारपुर और  एमबीएस पंजाब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, पटियाला पहले से तीन महीने से चार साल तक नियमित बिना कुलपति के बिना काम कर रही हैं और अब राज्य के एक और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय गुरु नानक देव विश्वविद्याल और श्री गुरु तेग बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, तरनतारन भी बिना कुलपति के हो गए हैं।

सांसद औजला ने कहा कि गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर और श्री गुरु तेग बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, तरनतारन के वर्तमान कुलपति डॉ. जसपाल सिंह का विस्तारित कार्यकाल 16 नवंबर, 2024 को समाप्त हो गया है। राज्य सरकार से कोई निर्देश नहीं मिलने के बाद, उन्होंने सोमवार 18,2024 को संबंधित विभाग, अधिकारियों को अपना राहत पत्र भेजा।

अब विश्वविद्यालय में कोई नियमित कुलपति नहीं है। उन्होंने कहा चांसलर कार्यालय (पंजाब के राज्यपाल) ने सचिव उच्च शिक्षा को दोनों विश्वविद्यालयों का प्रभार को देने का कोई आदेश जारी नहीं किया है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 25 अप्रैल 2024 से पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के कुलपति का कार्यभार प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के.के. यादव, आईएएस के पास है। कार्यकारी वाइस चांसलर के.के. यादव का बढ़ा हुआ कार्यकाल भी 25 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है।

उन्होंने बताया कि सीनियर फैकल्टी मैंबर डॉ. संदीप कांसल, महाराजा रंजीत सिंह पंजाब तकनीककी विश्वविद्यालय बठिंडा का कार्यकारी प्रभार संभाल रहे हैं।

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उच्च शिक्षा का बेहद महत्व है लेकिन सरकार इसकी तरफ ध्यान ना देकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्विद्यालयों के वीसी महत्वपूर्ण पद होता है और कई अहम फैसले होते हैं जो कि बिना वीसी के नहीं हो सके। इसीलिए बच्चों के भविष्य को अहम रखते हुए वह अपील करते हैं कि विश्विद्यालयों में वीसी आपाइंट किए जाएं। उन्होंने कहा कि इसमें अगर कोई मुश्किल आ रही है तो वह जनत के सामने समस्या रखें लेकिन इस मामले को इग्नोर ना करें। यह बेहद जरुरी मुद्दा है और यह युनिवर्सिटीज़ विश्व प्रसिद्ध हैं लेकिन वीसी का ना होना इनकी छवि को खराब कर रहा है वहीं कार्यकारी वीसी लगाने की बजाए रेगुलर वीसी लगाए जाएं ताकि बच्चों के भविष्य को बनाने वाली संस्था विकास कर सके और सबका विकास हो सके।

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