कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 9 नवंबर 2024: ब्लॉक कृषि कार्यालय मजीठा के अंतर्गत आने वाले गांव बेगेवाल के किसान कृषि कार्यालय मजीठा के दिशानिर्देशों के तहत गेहूं की फसल में फास्फोरस की पूर्ति के लिए डीएपी के साथ बड़ी मात्रा में टीएसपी (0:46:0) का उपयोग कर रहे हैं और खाद की कमी के दौरान गेहूं की बुआई में देरी करने से बच रहे हैं और कम पैसे में बढ़िया प्रयोग कर रहे हैं। इन शब्दों को व्यक्त करते हुए ब्लॉक कृषि अधिकारी मजीठा डॉ. दिलबाग सिंह भट्टी ने कहा कि डीएपी का उपयोग मुख्य रूप से गेहूं में फास्फोरस की मात्रा की पूर्ति के लिए किया जाता है। हमारे किसानों को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। गेहूं की बुआई टीएसपी (0:46:0) का उपयोग करके करनी चाहिए। डॉ. भट्टी ने कहा कि (0:46:0) में डीएपी के समान फास्फोरस होता है और यह डीएपी से कम महंगा भी है, यह उपलब्ध नहीं है, इसलिए किसानों को 50 किलोग्राम टीएसपी ड्रिल और 20 के माध्यम से लगाने का सुझाव दिया जाता है। इस मौके पर गांव बेगेवाल के किसान रघबीर सिंह ने टीएसपी का प्रयोग कर करीब 50 एकड़ गेहूं की फसल लगाई। इस दौरान शामनगर के प्रभारी कृषि विस्तार अधिकारी अमरदीप सिंह ने भी किसानों से इस संबंध में अपील की और डीएपी के अन्य वैकल्पिक रूप जैसे एनपीके 12:32:16, 10:26:26, 16:16:16, 20:20: 0:13 आदि का प्रयोग करना चाहिए।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी सरदार तजिंदर सिंह ने बताया कि किसानों को डीएपी खाद की कोई दिक्कत नहीं होगी और सभी ब्लॉकों में किसानों की मांग के अनुरूप डीएपी खाद उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि डीएपी की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि अधिकारियों द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है और किसी को भी डीएपी खाद की कालाबाजारी नहीं करने दी जायेगी।