अमृतसर लॉ कॉलेज में मनाया गया कानूनी सहायता दिवस

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 9 नवंबर 2024: माननीय राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं माननीय सदस्य सचिव, पंजाब राज्य जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण एवं माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमरेन्द्र सिंह ग्रेवाल के निर्देशानुसार आज कानूनी सहायता दिवस माननीय न्यायाधीश श्री अमरदीप सिंह बैंस, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सह सचिव, कानूनी सहायता दिवस जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, अमृतसर द्वारा अमृतसर लॉ कॉलेज, विभिन्न गांवों और जिला कचहरी, अमृतसर में मनाया गया और नैशनल सेमिनार यूट्यूब चलाकर भी मनाया गया। इस अवसर पर माननीय न्यायाधीश श्री अमरदीप सिंह बैंस ने अमृतसर लॉ कॉलेज में एकत्रित हुए कानून के विद्यार्थियों तथा अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को कानूनी सहायता दिवस के बारे में बताया तथा आगे बताया कि जिस किसी को भी निःशुल्क कानूनी सहायता की आवश्यकता हो वह इस दिन निःशुल्क कानूनी सहायता ले। कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल करके निःशुल्क सहायता प्राप्त कर सकता है। इस दौरान जज ने यह भी जानकारी दी कि मुफ्त कानूनी सेवाओं का हकदार कौन है, क्या महिलाएं, बच्चे, दोषी, कैदी और हर व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3 लाख से कम है आदि को भी मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

इसके अलावा माननीय जज साहब ने कहा कि जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, अमृतसर द्वारा केदार सरकार, राज्य सरकार, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और वकीलों के लाभ के लिए विभिन्न गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सेमिनार में सामाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

जज साहब ने अमृतसर के लोगों को यह संदेश दिया कि इस बार 14-12-2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत बैंक मामलों, फाइनेंस कंपनियों-बीमा कंपनियों, मोटर दुर्घटना, भूमि विवाद, बिजली और पानी बिल के मामले होने जा रही है विभिन्न प्रकार के मामले दायर किये जा सकते हैं लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य समझौता/इस्तीफा देना है। अदालती मामलों का फैसला इसलिए किया जाना चाहिए ताकि दोनों पक्षों के पैसे और समय की बचत हो और साथ ही उनकी आपसी दुश्मनी भी कम हो, गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़कर जो विभिन्न अदालतों में लंबित हैं, लोक अदालत जो लोग लोक अदालत में मामला दायर करना चाहते हैं। मामला न्यायालय में लंबित है, तो संबंधित न्यायालय के न्यायाधीशों के पास और यदि विवाद न्यायालय में है। यदि लंबित नहीं है, तो माननीय सचिव एक लिखित आवेदन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से अनुरोध कर सकते हैं।

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