उड़ान’ योजना के तहत आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाने हेतु पंजाब में 34 रूट चालू
कल्याण केसरी न्यूज़, चंडीगढ़/जालंधर, 26 जुलाई 2025: संसद के मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भले ही हंगामों की भेंट चढ़ गया हो, लेकिन राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने इस दौरान कई गंभीर मुद्दों को संसद में उठाने के लिए पूरी कोशिश की। मॉनसून सत्र के दौरान संत सीचेवाल ने बाढ़ रोकने, वन क्षेत्र बढ़ाने, स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने, आम लोगों को सहायता देने, लुप्त होती छोटी नदियों को बचाने, डेयरियों, पर्यावरण और हवाई सेवाओं से जुड़े कई अहम मसलों को संसद में आवाज़ दी। ये सभी मुद्दे उन्होंने लिखित सवालों के ज़रिए संसद में उठाए।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा संत सीचेवाल के सवाल का जवाब देते हुए बताया गया कि सरकार ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) योजना के तहत क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि उड़ान योजना के तहत आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से पंजाब में आदमपुर, लुधियाना, पठानकोट और बठिंडा को जोड़ने वाले 34 रूट चालू किए गए हैं। इसके अतिरिक्त ब्यास और पटियाला को भी क्षेत्रीय हवाई संपर्क में शामिल करने के लिए निविदा जारी की गई है।
इसी तरह जलवायु परिवर्तन का प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ रहे प्रभावों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि वह हर स्तर पर इससे निपटने के लिए प्रयास कर रहा है। संत सीचेवाल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से भी आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और गरीबों की सहायता के बारे में सवाल किया, जिसके जवाब में मंत्रालय ने बताया कि सरकार आयुष और अन्य योजनाओं के तहत स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने और उन्हें जनसामान्य के लिए सुलभ बनाने हेतु लगातार प्रयासरत है।
डेयरियों से निकलने वाले गोबर और अपशिष्ट जल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पशुपालन मंत्रालय ने जानकारी दी कि संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/कमेटियों, स्थानीय निकायों या नगर निगमों को डेयरियों और गौशालाओं से निकलने वाले अपशिष्ट के उचित निपटारे की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई डेयरी फार्म या गौशाला जल (1974), वायु (1981) या पर्यावरण (1986) अधिनियम के तहत निर्धारित मानकों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
संत सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय से रूस की सेना में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर भी सवाल किया। इसके अलावा देश में वन क्षेत्र की मौजूदा स्थिति और इसे बढ़ाने के प्रयासों, आदिवासी क्षेत्रों में वान धन विकास केंद्रों की स्थिति तथा रेलवे में बढ़ती भीड़ और उसके समाधान को लेकर भी सवाल किए।
संत सीचेवाल ने बताया कि उन्होंने शून्य काल के दौरान नेशनल हाईवे नंबर 44, जहां से काला संघिया ड्रेन और बुढ्ढा दरिया होकर गुजरते हैं, जैसे ज्वलंत मुद्दे को उठाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सदन में हंगामे के चलते वह यह मुद्दा नहीं उठा सके। उन्होंने बताया कि काला संघिया ड्रेन पर कलवर्ट का गलत डिज़ाइन और बुढ्ढा दरिया पर नए पुलों के निर्माण के दौरान मलबा न हटाए जाने के कारण इस क्षेत्र में हर साल बाढ़ का खतरा बना रहता है और लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
संत सीचेवाल ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वे पंजाब से जुड़े मुद्दों को संसद में गंभीरता से उठाते रहेंगे।
Kalyan Kesari हिन्दी समाचार पत्र
