
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 28 जुलाई 2025: भारतीय किसानों की विश्वस्तरीय सहकारी खाद संस्था इफको द्वारा अमृतसर में नैनो तरल खादों के उपयोग और उनके महत्व पर एक कार्यशाला का आयोजन जिला कृषि कार्यालय में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. बलजिंदर सिंह भुल्लर ने की। कार्यक्रम में इफको के स्टेट मार्केटिंग मैनेजर श्री हरमेल सिंह सिद्धू (चंडीगढ़) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इफको के फील्ड अधिकारी शमशेर सिंह ने आए हुए अतिथियों, ब्लॉकों से आए कृषि अधिकारियों, खाद रिटेलरों, अग्रणी व प्रगतिशील किसानों का स्वागत करते हुए इफको के उत्पादों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र नाग कलां, जहांगीर से आए वैज्ञानिक डॉ. राजन भटट ने मृदा स्वास्थ्य, परंपरागत खादों की अनावश्यक उपयोग को कम करने और विकल्पिक खादों के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने इफको की नैनो तरल खादों के ट्रायल्स की चर्चा की और इनके भविष्य में आने वाले सकारात्मक परिणामों की जानकारी दी।
इसके बाद श्री हरमेल सिंह सिद्धू ने इफको के उद्देश्यों और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने परंपरागत खादों के अंधाधुंध उपयोग के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूक करते हुए संतुलित खाद उपयोग और आने वाले समय में संभावित खाद संकट की दृष्टि से नैनो यूरिया प्लस, नैनो डी.ए.पी. जैसी उन्नत खादों के उपयोग पर ज़ोर दिया।
उन्होंने बताया कि इफको की नैनो तरल खादें परंपरागत खादों की तुलना में खेती की लागत घटाकर उत्पादन बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प हैं। इनका उपयोग पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित होने से बचा सकता है। उन्होंने अपील की कि किसानों को इन खादों के सही और पूर्ण उपयोग की जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि अधिकतम लाभ मिल सके और खाद संकट से निपटने में भी मदद मिले।
जिला मुख्य कृषि अधिकारी ने इफको उत्पादों की सराहना करते हुए इस जानकारीयुक्त कार्यशाला की प्रशंसा की और परंपरागत खादों की पूर्ति के लिए विकल्पिक खादों के उपयोग पर बल देते हुए सभी से आग्रह किया कि इन खादों की जानकारी स्वयं रखें और किसानों तक पहुँचाएं।
प्रगतिशील किसान सतनाम सिंह, गांव राजियां ने इफको नैनो उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इनका उपयोग कर परंपरागत खाद की मात्रा घटाकर अच्छा लाभ प्राप्त किया है। निशान सिंह, गांव बोपाराय ने इफको की जैविक खादों व नैनो खादों के उपयोग से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने मक्का की फसल पर परंपरागत खाद की जगह नैनो खाद का प्रयोग कर लाभ उठाया।
खाद रिटेलर इकबाल सिंह छीना, गांव दालम ने कहा कि नवीन तकनीक से बने नैनो उत्पादों को किसानों को पूरी जानकारी के साथ दिया जाता है और किसान इन खादों को दोबारा लेकर स्प्रे करके लाभ कमा रहे हैं। इसलिए हमें इन खादों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
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