
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 5 अगस्त 2025: पंजाब सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत अमृतसर विकास प्राधिकरण (ए.डी.ए.) के मुख्य प्रशासक नितेश कुमार जैन, आई.ए.एस. और अतिरिक्त मुख्य प्रशासक इनायत, पी.सी.एस. द्वारा जारी आदेशों की पालना करते हुए, जिला टाउन प्लानर (रेगुलेटरी) गुरसेवक सिंह औलख की अगुवाई में ए.डी.ए. की रेगुलेटरी विंग द्वारा थाना चाटीविंड के पुलिस अधिकारियों को सूचित कर, गांव रखझीता स्थित आई.आई.एम. को जाने वाली सड़क के पास विकसित हो रही अवैध कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उस कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया गया।
जिला टाउन प्लानर ने जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य के विकास को नियंत्रित करने के लिए सरकार के निर्देशों के तहत, उक्त अवैध कॉलोनी को पहले भी PAPRA एक्ट-1995 के तहत नोटिस जारी कर निर्माण कार्य रुकवाया गया था और तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी। परंतु कॉलोनी के मालिकों द्वारा दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए थे, जिस कारण अब नए किए गए निर्माण को फिर से ढहा दिया गया।
इस कार्रवाई के दौरान कॉलोनाइज़र समेत गांव के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे, जिन्होंने लिखित में यह भरोसा दिया कि संबंधित स्थल पर पीयूडीए विभाग की अनुमति के बिना कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।
जिला नगर योजनाकार ने स्पष्ट किया कि अवैध कॉलोनी काटने वाले व्यक्तियों के खिलाफ PAPRA एक्ट-1995 में 2024 में किए गए संशोधन के अनुसार, 5 से 10 साल की कैद और ₹25 लाख से ₹5 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है। विभाग द्वारा अब तक कुल 26 अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइज़रों और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा जा चुका है।
इसके अलावा, पीयूडीए की रेगुलेटरी विंग समय-समय पर ज़िला अमृतसर में विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों और निर्माण स्थलों की मौके पर जांच कर रही है, और संबंधित एक्ट के तहत नोटिस जारी करते हुए निर्माण कार्य रुकवाया जा रहा है। साथ ही, संबंधित थाना अधिकारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
जिला टाउन प्लानर (रेगुलेटरी), अमृतसर ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी अवैध कॉलोनी, जो पीयूडीए विभाग से स्वीकृत नहीं है, में प्लॉट खरीदने से पहले उस कॉलोनी की विभागीय मंजूरी की जानकारी अवश्य लें। इससे वे अपने धन-संपत्ति के नुकसान और भविष्य में उत्पन्न होने वाली परेशानियों से बच सकेंगे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी अपील की कि ज़िले में कहीं भी कोई भी निर्माण कार्य करने से पहले पीयूडीए विभाग से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ही निर्माण किया जाए।
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