सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के सेवामुक्त सिख जजों से भी बेअदबी बिल के मसौदे में संशोधनों के लिए समिति कानूनी सुझाव ले: धालीवाल

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर/अजनाला, 16 अगस्त 2025: हल्का विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब में पवित्र धार्मिक ग्रंथों की समाज-विरोधी/फिरकापरस्त तत्वों द्वारा एक साजिश के तहत पंजाब की शांति को भंग करने और सद्भावना को तोड़ने के नापाक मंसूबों को विफल करने तथा दोषियों को सख्त सजा देने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब स. भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल की दूरदर्शिता से पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किए गए “बेअदबियों के खिलाफ अपराध रोकथाम बिल-2025” के मसौदे में संशोधनों के लिए सुझाव लेने हेतु भगवंत मान सरकार द्वारा डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर की अध्यक्षता में कांग्रेस, अकाली और भाजपा विधायकों की समिति गठित की गई है। धालीवाल ने सुझाव दिया है कि समिति विभिन्न धार्मिक, सामाजिक नेताओं और विश्वविद्यालयों/कॉलेजों के सिख विद्वानों से सुझाव लेने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के विशेषज्ञ सिख जजों से भी संपर्क करके कानूनी सुझाव प्राप्त करे।
धालीवाल आज यहां शहर में अपने हल्का स्तरीय कार्यालय में लगाए गए खुले जनता दरबार में प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनकर प्रशासन से मौके पर ही समाधान करवाकर राहत पहुंचाने के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजाब में सत्ता हासिल करने के लिए पूर्व कांग्रेस, अकाली और भाजपा सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के चलते पवित्र ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए कोई स्थायी कानून नहीं बनाया, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब की सांप्रदायिक सद्भावना खतरे में पड़ गई।
धालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान ने पिछले जुलाई में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब, गुटका साहिब, भगवद् गीता, बाइबल और कुरान आदि पवित्र ग्रंथों को नुकसान पहुंचाने या उकसाने वालों को कम से कम 10 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान करते हुए “बेअदबियों के खिलाफ अपराध रोकथाम बिल-2025” पेश किया था। सरकार ने समिति को 6 महीने के भीतर संशोधित मसौदा सौंपने का निर्देश दिया है।
पूर्व मंत्री और विधायक स. धालीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 30-30 साल से जेलों में बंद बंदी सिखों को तुरंत रिहा करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
इस मौके पर खुशपाल सिंह धालीवाल, डीएसपी गुरविंदर सिंह औलख, अतिरिक्त निगरानी इंजीनियर अनीस सिंह, कार्यालय सचिव गुरजंत सिंह सोही, ओएसडी चरणजीत सिंह सिद्धू, पीए मुख्तार सिंह बलड़वाल, एसएचओ अजनाला हरचंद सिंह संधू, एसएचओ झंडेर कमलप्रीत कौर, चेयरमैन बलदेव सिंह बब्बू, प्रधान भट्टी जसपाल सिंह ढिल्लों, शहरी प्रधान अमित औल आदि मौजूद थे।

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