गणनाओं और पंजाब के साथ भेदभाव पर चुप्पी का खामियाज़ा आगामी हर चुनाव में पंजाब भाजपा को भुगतना पड़ेगा: बंदेशा


कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 18 अगस्त 2025: अमृतसर लोकसभा क्षेत्र प्रभारी और पंजाब स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़ एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष सरदार जसकर्ण बंदेशा ने आज यहाँ पार्टी वॉलंटियर्स की एक बैठक को संबोधित करते हुए जहाँ ग्रामीण वॉलंटियर्स से आगामी ब्लॉक समिति और ज़िला परिषद चुनावों की तैयारी शुरू करने और शहरी नेताओं व वॉलंटियर्स से अपने संपर्क वाले गांवों के वोटरों से आम आदमी पार्टी के पक्ष में संवाद बनाने की अपील की, वहीं पंजाब बीजेपी पर तीखे राजनीतिक हमले भी बोले।
चेयरमैन और लोकसभा क्षेत्र प्रभारी सरदार बंदेशा ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार और आम आदमी पार्टी की नीति है कि कोई भी निर्णय लागू करने से पहले लोगों की राय और सुझाव लिए जाएं। इसी नीति के तहत किसानों और मज़दूरों के साथ लंबी संवाद बैठकों के बाद जब सहमति बनी, तभी लैंड पूलिंग नीति को वापस लिया गया। लेकिन पंजाब बीजेपी इस निर्णय को अपनी झूठी उपलब्धि बताने के प्रयास में है और आम आदमी पार्टी की सामान्य बातों को मुद्दा बनाकर बेवजह आलोचना करती रहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से सिखों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि केंद्र सरकार के जल मंत्रालय द्वारा पंजाब के नाभा के पास गांव कसियाना के एक अमृतधारी सरपंच सरदार गुरध्यान सिंह को गांव की सफाई में अव्वल आने के लिए दिल्ली में सम्मानित किया गया और 15 अगस्त को लाल किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने का निमंत्रण मिला। लेकिन जब सरदार गुरध्यान सिंह लाल किले के गेट पर पहुंचे तो उनके गले में पहनी हुई छोटी श्री साहिब (छोटी कृपाण) के कारण उन्हें सुरक्षा बलों द्वारा लाल किले के अंदर जाने से रोक दिया गया और उन्हें वापस पंजाब भेज दिया गया।
इसी तरह राजस्थान के एक परीक्षा केंद्र में एक अमृतधारी महिला को परीक्षा देने से यह कहकर रोक दिया गया कि वह कृपाण धारण किए हुए है। इन घटनाओं पर अब तक पंजाब बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही इन भेदभावपूर्ण घटनाओं की निंदा की।
बंदेशा ने पंजाब बीजेपी पर शब्दबाण चलाते हुए यह भी कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी ठोस कारण के 800 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को रद्द कर दिया गया और 7000 करोड़ रुपये की ग्रामीण विकास निधि को भी रोक दिया गया। इसके साथ ही वित्तीय अधिकारों पर भी कथित तौर पर डाका डाला गया। लेकिन पंजाब बीजेपी ने इन भेदभावों पर न तो कोई विरोध दर्ज किया और न ही मोदी सरकार पर कोई दबाव बनाया।
उन्होंने चेतावनी दी कि इन सबका खामियाज़ा पंजाब बीजेपी को आने वाले ग्राम पंचायत चुनावों, ब्लॉक समितियों और जिला परिषद चुनावों के साथ-साथ प्रस्तावित तरनतारण विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा।

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