पंजाब में बाढ़ से हो रहे जानी-माली नुकसान के प्रभावित लोगों के मुआवज़े के लिए हरियाणा और राजस्थान सरकारें भी बड़ा हिस्सा डालें – धालीवाल

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर/अजनाला, 25 अगस्त 2025: हलका विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहाड़ों (हिमाचल प्रदेश) में बादल फटने की घटनाओं और भारी बारिश के चलते पंजाब में बाढ़ की स्थिति बन रही है, जिससे हो रहे जानी-माली नुकसान की बराबरी भरपाई के लिए पंजाब सरकार को अपने हिस्से का फंड जारी करें।
धालीवाल ने यह विचार अजनाला विधानसभा हलके से गुजरने वाली अंतर्राष्ट्रीय रावी नदी के नज़दीकी गांवों – घोनेवाला, दरिया मूसा, कोट रज़ादा, चाहरपुर आदि दर्जनों गांवों का दौरा कर ग्राम पंचायतों, किसानों, खेत मज़दूरों और सीमा क्षेत्र के लोगों से संभावित बाढ़ की स्थिति का जायज़ा लेने तथा बीएसएफ चौकी कमालपुर में तैनात अधिकारियों और जवानों से मीटिंग करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान की सरकार संभावित बाढ़ से बचाव और बाढ़ आने की स्थिति में लोगों के बचाव के लिए पूरी तरह मुस्तैद और वचनबद्ध है। वहीं, बरबाद हो रही फसलों का मुआवज़ा देने के लिए नुक़सानग्रस्त फसलों की गिरदावरी करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। मान सरकार ने ड्रेनों की सफाई, टूटे बांधों की मरम्मत सहित अन्य ज़रूरी प्रबंधों के लिए 276 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
धालीवाल ने कहा कि दरियाई पानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन कानून की घोर उल्लंघना कर पंजाब के दरियाई पानी पर डाका डालने की फिराक़ में रहने वाली केंद्र सरकार और हरियाणा, राजस्थान सरकारें इस समय हिमाचल में प्राकृतिक भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते पहाड़ों से पंजाब की ओर आने वाले तेज़ बहाव से खेतों में अन्नदाता की फसलों को तबाह करने और उपजाऊ ज़मीन को बहाकर ले जाने के कारण पंजाब को गहरे संकट में धकेल रही हैं।
इसके मद्देनज़र पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान सरकारों को पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान का बराबर मुआवज़ा देना चाहिए था, परंतु पंजाब के पानी को हड़पने के लिए अड़ी इन सरकारों ने आंखें मूंद रखी हैं।
पूर्व मंत्री श्री धालीवाल ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की भारत विरोधी साज़िशों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जहां पहले ड्रोन के ज़रिए नशे, हथियार और जासूसी गतिविधियाँ भेजने से बाज़ नहीं आ रहा था, वहीं अब पाकिस्तान ज़िला पठानकोट, ज़िला गुरदासपुर और ज़िला अमृतसर (अजनाला सब डिवीज़न) से गुजरने वाली रावी नदी के किनारों पर अपने इलाके में ऊँचे-ऊँचे स्टड बना रहा है। इसके चलते रावी नदी का पानी भारत की ओर मुड़ रहा है, जिससे रावी किनारे बसे गांवों की उपजाऊ ज़मीन और बीएसएफ चौकियाँ प्रभावित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद से अब तक अंतर्राष्ट्रीय रावी नदी किनारे बसे सीमा क्षेत्र के लोग देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने के लिए बीएसएफ के साथ दूसरी सुरक्षा पंक्ति के रूप में पाकिस्तान की साज़िशों को नाकाम करते आ रहे हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि बीते 75 वर्षों से केंद्र में बैठी सरकारों ने इन सीमा क्षेत्रों के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज जारी नहीं किया।
धालीवाल ने कहा कि मान सरकार बनने के बाद से सीमा क्षेत्र और दरियाई किनारे बसे गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा व बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई योजनाएँ लागू की गई हैं। प्रशासन द्वारा अमृतसर जिला स्तर पर और अजनाला व रमदास में बाढ़ रोधी प्रबंधों के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।

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