अजनाला हलके के लिए गेहूं के बीज को सुरक्षित रखें दानी किसान: धालीवाल
बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुँचकर लोगों को बाँटी गई ज़रूरी सामग्री और दवाइयां

कल्याण केसरी न्यूज़, अजनाला, 3 सितंबर 2025: पिछले तीन दिनों से अपनी टीम के साथ राहत कार्यों में लगे सांसद श्री गुरमीत सिंह मीत हेयर, जो कि पंजाब और आसपास के राज्यों से अजनाला हलके में आ रही मदद और इसके वितरण की निगरानी कर रहे हैं, ने आज सभी संस्थाओं और दानी व्यक्तियों से अपील की कि अजनाला हलके में किसी भी ज़रूरतमंद तक सामग्री पहुँचाने के लिए ज़िला प्रशासन की सहायता अवश्य लें।
गाँव शहज़ाद में बाढ़ प्रभावित लोगों को ज़रूरी वस्तुएं और दवाइयाँ वितरित करते हुए मीत हेयर ने कहा कि कुछ गांव ऐसे हैं जहाँ बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आया कि लोगों को अपने घरों से कपड़े तक उठाने का मौका नहीं मिला। वे आज भी ऊँची जगहों या राहत शिविरों में आठ दिन पुराने वही गीले कपड़े पहने बैठे हैं। उनके घरों में दरारें आ चुकी हैं और सारा सामान जो पिछले सात-आठ दिनों से पानी में डूबा हुआ है, पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
इसलिए उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन लोगों की ज़रूरतें पूरी करने और सही हाथों तक राहत पहुँचाने के लिए ज़िला प्रशासन से बेहतर माध्यम कोई नहीं है। जो भी व्यक्ति या संस्था यहां कोई सामग्री देना चाहती है, वह ज़रूर ज़िला प्रशासन से संपर्क करे।
इसी दौरान हलका विधायक श्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने देश भर से आ रही सहायता के लिए सभी संस्थाओं और दानी व्यक्तियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हमें आप सभी के सहयोग की सख्त ज़रूरत है, लेकिन मेरी विनती है कि आपकी दी गई सहायता सही ज़रूरतमंदों तक पहुँचे, इसके लिए कृपया हमारे द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम से संपर्क करें।”
उन्होंने बताया कि अजनाला के चमियारी राहत केंद्र में स्थित कंट्रोल रूम से फोन नंबर 62804-00958 पर संपर्क किया जा सकता है। वहाँ से हम आपको उस गाँव की लोकेशन, वहाँ के नंबरदार या सरपंच का संपर्क नंबर दे सकते हैं, जहाँ सबसे अधिक ज़रूरत है, ताकि आपकी वितरित सामग्री सही ढंग से लोगों तक पहुँच सके।
विधायक धालीवाल ने पंजाब भर के किसानों से भी एक विशेष अपील की कि बाढ़ के कारण अजनाला हलके के बहुत से किसानों का गेहूं का बीज पानी में भीगकर खराब हो गया है। इसलिए उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि आप अपने गेहूं के बीज के साथ थोड़ा-थोड़ा बीज अजनाला हलके के लिए भी सुरक्षित रखें, ताकि बाढ़ के बाद खेतों की सफाई करके समय पर गेहूं की बुआई की जा सके।
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