मान सरकार की जनकल्याणकारी राजनीति और सेवा मिशन से उत्साहित होकर संगठनों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया – धालीवाल

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर/अजनाला, 5 सितंबर 2025: आज हलका विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री कुलदीप सिंह धालीवाल और खड़ड़ हलके की विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान, रावी दरिया की बाढ़ से प्रभावित और अब भी पानी में आधे डूबे गांव कल्लोमाहल, सुल्तानमाहल और दहूरियां में बाढ़ पीड़ितों का हाल-चाल लेने ट्रैक्टर पर बैठकर पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों से हमदर्दी जताई और भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री पंजाब श्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार पीड़ितों के पुनर्वास और फसलें, घर, पशु व मानव जीवन की हानि का उचित मुआवजा देने के लिए वचनबद्ध है।
इस मौके पर अनमोल गगन मान अपने समर्थकों के साथ 5 गाड़ियों में फोल्डिंग खाट, तिरपाल, मच्छरदानियां, दरियां, पशुओं का चारा, टॉर्च, ऑडोमॉस, मोमबत्तियां, साथ ही चीनी, चाय आदि घरेलू जरूरत का सामान लेकर पहुंचीं, जिन्हें धालीवाल और मान ने सेवा भाव से बिना किसी जाति या राजनीतिक भेदभाव के प्रभावित गांवों में वितरित किया।
बातचीत के दौरान धालीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री पंजाब श्री भगवंत सिंह मान समेत पार्टी की पूरी नेतृत्व टीम ने सत्ता के कार्यकाल के दौरान सांप्रदायिक नफरत और तुच्छ राजनीति को छोड़कर जनकल्याणकारी मिशन अपनाया। मुफ्त बिजली, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं, पंजाब की 3 करोड़ आबादी को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आदि सुविधाओं को पार्टी ने अपना केंद्रीय मिशन बनाया। इसी का असर है कि देश की अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को भी अपनी राजनीति का केंद्र जनकल्याणकारी योजनाओं को बनाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि जब पंजाब प्राकृतिक आपदा बाढ़ की चपेट में आया, तो आप पार्टी की सेवा और राजनीति से प्रभावित होकर पंजाब के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठन भी पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुट गए।
धालीवाल ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले दो हफ्तों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे पंजाबियों के लिए अब तक कोई राहत पैकेज घोषित नहीं किया है। जबकि असल में जमीनी राहत देने की प्राथमिक जिम्मेदारी केंद्र की होती है, लेकिन वह इसे राज्यों पर छोड़कर खुद को मुक्त समझ रही है।
उन्होंने कहा कि 2021-22 में जब पंजाब और बिहार में भयानक बाढ़ आई थी, तब केंद्र ने बिहार को बड़ा आर्थिक पैकेज दिया लेकिन पंजाब को नजरअंदाज कर दिया। 2023 में आई बाढ़ का जायजा लेने केंद्र की कई विभागीय टीमें पंजाब आई थीं, रिपोर्ट भी दी गई, लेकिन फिर भी न तो विशेष पैकेज दिया गया और न ही फसल नुकसान के मुआवजे में कोई बढ़ोतरी की गई।
धालीवाल ने भावुक होकर कहा कि हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके माना कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। केंद्र की टीमों ने भी यह रिपोर्ट दी है। लेकिन फिर भी केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है और अब तक फसल नुकसान के लिए 80 हजार रुपये प्रति एकड़, खेती मज़दूरों के लिए 1-1 लाख रुपये, मरे पशुओं के लिए 1-1 लाख रुपये और बाढ़ में मृत व्यक्तियों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का राहत फंड जारी नहीं किया।

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