कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर/अजनाला, 6 सितंबर 2025: विधानसभा हलका अजनाला में रावी दरिया में आई भयंकर बाढ़ से प्रभावित लोगों के दुख-सुख में शामिल होकर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से आ रही ज़रूरी राहत सामग्री के वितरण में दिन-रात प्रमुख भूमिका निभाते हुए अपने मिशन “जिन्ना योग्य हां – लोकां योग्य हां” के नायक के रूप में उभर रहे हलका विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार इन भयंकर बाढ़ों में विपदा से मारे गए पीड़ितों के लिए दुख की घड़ी में सहारा बनने की बजाय, पंजाब भाजपा – जो पंजाब और पंजाबियत विरोधी नीतियों के कारण तथाकथित तौर पर “सियापा पार्टी” बन चुकी है – के संकरे राजनीतिक हितों से प्रेरित भ्रामक प्रचार से उत्तेजित होकर पंजाब विरोधी, पंजाबियत विरोधी घटिया और अत्यंत निंदनीय मज़ाक कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण तब मिला जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज चौहान ने दो दिन पहले हलका अजनाला में रावी दरिया के बाढ़ पीड़ितों समेत पंजाब के अन्य इलाकों में बाढ़ पीड़ितों की आंखों देखी तबाही का मंजर देखने के बाद, इस त्रासदी की तुलना “जल प्रलय” से की। लेकिन दिल्ली लौटकर उन्होंने पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई तात्कालिक वित्तीय राहत पैकेज घोषित नहीं किया, बल्कि उल्टा पंजाब सरकार को ही कथित अवैध रेत खनन के झूठे, बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाकर कठघरे में खड़ा करते हुए राहत पैकेज देने से पल्ला झाड़ लिया।
धालीवाल ने कहा कि अजनाला हलके से बहने वाला अंतरराष्ट्रीय रावी दरिया, जो भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा को भी छूता है, के 5 किलोमीटर क्षेत्र में सुरक्षा कारणों से बीएसएफ और सेना द्वारा रेत और मिट्टी की खुदाई पर पूर्ण पाबंदी लगी हुई है। ऐसे में अगर अवैध खनन हो रहा था, तो इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र की भाजपा सरकार ही जिम्मेदार है क्योंकि केंद्रीय सुरक्षा बल सीधे केंद्र सरकार के अधीन हैं।
उन्होंने आगे कहा कि चौहान ने अपने ही बयान में स्वीकार किया है कि पंजाब में लंबे समय से बने दरियाओं के कमजोर हो चुके धुसी बांधों की मजबूती के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (1999-2004) ने कुछ जगहों पर मरम्मत करवाई थी। लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार अपनी लापरवाही मानने की बजाय “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” की कहावत अनुसार पंजाब सरकार पर झूठे आरोप मढ़ रही है।
धालीवाल ने कहा कि पिछले 7 महीनों से पंजाब सरकार के अधिकारी लगातार केंद्र सरकार से बाढ़ रोकथाम योजनाओं की राशि मंजूर करवाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं, पर केंद्र ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने खुलासा किया कि अजनाला क्षेत्र में बीएसएफ चौकियों को बाढ़ से बचाने के लिए पंजाब सरकार ने 40 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज केंद्र से मांगा था और दो जुलाई को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री आर. सी. पाटिल से मुलाकात में आश्वासन भी मिला था, लेकिन पैकेज जारी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि अगर बीएसएफ चौकियों के लिए यह पैकेज मिल जाता तो वे आज बाढ़ की मार से बच सकती थीं।
धालीवाल ने आगे बताया कि 2 दिन पहले अजनाला हलके के दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री चौहान को उन्होंने अपने साथी मंत्री पंजाब श्री गुरमीत सिंह खुड्डिया की मौजूदगी में बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 2 हज़ार करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज और केंद्र सरकार के पास बकाया 60 हज़ार करोड़ रुपये जारी करने का मांग पत्र सौंपा। इसी तरह कुछ दिन पहले पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को भी यही मांग पत्र दिया गया था। लेकिन अभी तक एक नया पैसा भी केंद्र सरकार ने राहत पैकेज के रूप में जारी नहीं किया है।
धालीवाल ने चेतावनी दी कि बाढ़ में मरे पशुधन और बाढ़ से उत्पन्न बीमारियों से होने वाली मौतों के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार ही जिम्मेदार होगी।
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