फीवर सर्वे के दौरान लगाई गईं 26 टीमों की ड्यूटी
डॉक्टरों की टीमें गांव स्तर तक जाकर कर रही हैं जलजनित बीमारियों का सर्वे
डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों की रोकथाम जरूरी – सिविल सर्जन
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 11 सितंबर 2025: जैसे-जैसे बाढ़ का पानी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से घट रहा है, वैसे-वैसे कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांवों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे कर रही हैं ताकि इन बीमारियों को फैलने से पहले ही रोका जा सके।
इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्रीमती साक्षी साहनी ने बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग की 26 टीमों ने 14 गांवों में जाकर घर-घर सर्वे किया है और 2046 व्यक्तियों की जांच की गई, जिनमें से 74 व्यक्ति संदिग्ध पाए गए और उन्हें डॉक्टरों द्वारा दवाइयां दी गईं। इसके अलावा 268 रक्त सैंपल भी लिए गए हैं। डिप्टी कमिश्नर ने लोगों से अपील की कि वे डॉक्टरों की टीमों का सहयोग करें और फॉगिंग टीमों से अपने घरों में भी स्प्रे करवाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ और बरसात को ध्यान में रखते हुए डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव और इलाज संबंधी सलाह भी जारी की गई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि बाढ़ और बरसात के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। हालांकि ये दोनों बीमारियां इलाज योग्य हैं। डेंगू और चिकनगुनिया एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलते हैं।
डेंगू के लक्षण हो सकते हैं: तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, मसूड़ों और नाक से खून आना आदि।
चिकनगुनिया के लक्षण हैं: तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द और सूजन, त्वचा पर चकत्ते और खुजली आदि। यह मच्छर साफ़ खड़े पानी में पैदा होता है और दिन के समय काटता है।
डॉ. धवन ने कहा कि साधारण सावधानियों से इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। जैसे कि कूलर और गमलों की ट्रे में जमा पानी को हफ्ते में एक बार ज़रूर साफ करें। ऐसे कपड़े पहनें जिससे शरीर ढका रहे ताकि मच्छर न काट सकें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम/तेल का प्रयोग करें। बुखार होने पर एस्पिरिन या ब्रूफेन न लें, केवल पैरासिटामोल का सेवन करें। छतों पर रखी पानी की टंकियों को अच्छे से ढककर रखें। टूटे बर्तन, ड्रम, टायर आदि खुले में न रखें। अधिक मात्रा में पानी और तरल चीजों का सेवन करें व भरपूर आराम करें।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार ड्यूटी कर रही हैं और लोगों के डेंगू व चिकनगुनिया के टेस्ट भी किए जा रहे हैं।
Kalyan Kesari हिन्दी समाचार पत्र
