
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 24 सितंबर 2025: कॉर्पोरेशन द्वारा चलाई जा रही केंद्र प्रायोजित योजना “शेयर कैपिटल कंट्रीब्यूशन टू पी.एस.सी.एफ.सी स्कीम” (Centrally Sponsored Scheme of Assistance to State Scheduled Castes Development Corporations – SCDCs) के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 49:51 के अनुपात में फंड जारी किए जाते थे। इस योजना के तहत पंजाब राज्य में रहने वाले गरीब अनुसूचित जातियों और दिव्यांग व्यक्तियों को कम ब्याज दर पर स्वरोजगार के लिए ऋण मुहैया करवाया जाता था। लेकिन दुखद बात यह है कि केंद्र सरकार ने अब यह योजना बंद कर दी है।
इस बारे में जानकारी देते हुए रविंदर हंस, निदेशक, पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम ने बताया कि भारत सरकार ने राज्य अनुसूचित जाति विकास निगमों को दी जाने वाली यह केंद्रीय प्रायोजित सहायता योजना अब समाप्त कर दी है, जिसके चलते केंद्र सरकार द्वारा 49% के हिस्से के फंड जारी करने में असमर्थता जताई गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के बंद होने के कारण अब यह योजना पी.एफ.एम.एस. पोर्टल पर भी शो नहीं हो रही है। साथ ही राज्य सरकार द्वारा भी 51% का हिस्सा जारी नहीं किया जा रहा है, जिससे निगम को हर वर्ष भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
श्री हंस ने बताया कि निगम मुख्य रूप से “सीधा ऋण योजना” के अंतर्गत इसी शेयर कैपिटल फंड का उपयोग लाभार्थियों को स्वरोज़गार हेतु ऋण देने के लिए करता था। इस योजना के तहत ऋण राशि का 95% हिस्सा निगम द्वारा दिया जाता था जबकि शेष 5% लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जाता था। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा योजना बंद कर देने से अब इस योजना की कोई प्रगति नहीं हो रही और अनुसूचित जाति के पात्र लोगों तक इसका लाभ नहीं पहुँच पा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को 8% की ब्याज दर पर ऋण दिया जाता था, जो बैंकों की तुलना में काफी कम है। निगम अपने प्रशासनिक खर्चों की पूर्ति भी इन्हीं ऋणों से होने वाली वसूली और ब्याज से करता था।
यह योजना निगम की फ्लैगशिप योजना थी। भारत सरकार द्वारा इसे बंद कर दिए जाने से अब निगम बहुत कम मात्रा में ऋण दे पा रहा है, जिससे न केवल वसूली प्रभावित हो रही है बल्कि निगम की आर्थिक स्थिति भी लगातार खराब होती जा रही है।
श्री हंस ने बताया कि निगम द्वारा नेशनल कॉर्पोरेशनों के सहयोग से चलाई जा रही अन्य ऋण योजनाओं के लिए भी लाभार्थियों को ऋण देने हेतु 5% हिस्सा शेयर कैपिटल से ही दिया जाता था। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा यह योजना बंद कर देने से उन योजनाओं के संचालन में भी कठिनाई आ रही है। मजबूरी में निगम को यह 5% हिस्सा अन्य ऋणों की वसूली से निकालना पड़ रहा है, जिससे वित्तीय संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है और आर्थिक हालत लगातार बिगड़ रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यह योजना बंद करना गरीब अनुसूचित जातियों के हक पर एक बड़ा हमला है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इस योजना को दोबारा शुरू करना चाहिए।
इस अवसर पर समाजिक न्याय, सशक्तिकरण एवं अल्पसंख्यक विभाग पंजाब के सदस्य डॉ. बोध राज, ऑल इंडिया टेररिस्ट विक्टिम एसोसिएशन के चेयरमैन श्री हस्तीर और जैभीम महासंघ की ओर से श्री अजय सभरवाल भी मौजूद थे।
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