
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 24 सितंबर 2025: खालसा कॉलेज अमृतसर के हिंदी विभाग ने कॉलेज के रंगमंच अध्ययन विभाग के सहयोग से क्लासिक हिंदी नाटक अंधा युग पर एक संगोष्ठी और उसकी नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया। मुख्य वक्ता, डॉ. सुनील, जो हिंदी विभागाध्यक्ष और जीएनडीयू के डीन भाषाएँ हैं, ने छात्रों को धर्मवीर भारती के योगदान के बारे में जानकारी देते हुए, उनके नाटक अंधा युग की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। युद्ध की निरर्थकता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि जब मनुष्य की बुद्धि अन्धी हो जाती है तो कोई भी युग या समय अंधा युग बन जाता है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आत्म सिंह रंधावा ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत करते हुए हिंदी सप्ताह उत्सव -2025के दौरान युद्ध विषय पर विचार-विमर्श और इस विषय पर प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए हिंदी विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में छात्रों को शांति की आवश्यकता के प्रति संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। प्रोफेसर विशाल शर्मा के निर्देशन में हिन्दी तथा रंगमंच विभाग द्वारा नाटक की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. पूनम महाजन और रंगकर्मी गुरतेज मान ने कलाकारों में से सर्वश्रेष्ठ कलाकारों का चयन किया। डॉ. महाजन ने विभाग को बधाई देते हुए इस क्लासिक नाटक के नाटकीय पहलुओं पर प्रकाश डाला। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरजीत कौर ने हिंदी सप्ताह उत्सव -2025 की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विद्यार्थियों ने निबंध लेखन सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। विजेता विद्यार्थियों और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को नकद पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया। कॉलेज के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. दीपक देवगन ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. देवेंद्र सिंह, डीन छात्र कल्याण डॉ. दलजीत सिंह, डीन छात्र कल्याण डॉ. स्वराज कौर, डीन भाषाएं प्रोफेसर सुपनिन्दर कौर और अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।
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