
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 10 अक्टूबर 2025: पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत, एडीए (अमृतसर विकास प्राधिकरण) के मुख्य प्रशासक नितेश कुमार जैन और अतिरिक्त मुख्य प्रशासक इनायत द्वारा जारी आदेशों की पालना करते हुए ज़िला टाउन प्लानर (रेगुलेटरी) गुरसेवक सिंह औलख की अगुवाई में एडीए के रेगुलेटरी विंग द्वारा थाना कम्बों के पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अजनाला रोड पर स्थित गांव कम्बों और रामतीर्थ रोड पर स्थित गांव गौंसाबाद में बन रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरा दिया गया।
रेगुलेटरी विंग ने जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य के विकास को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार के निर्देशों के अनुसार उक्त गांवों में विकसित की जा रही नई अवैध कॉलोनियों को PAPRA एक्ट-1995 के तहत नोटिस जारी करते हुए निर्माण कार्य रुकवाया गया और डिमोलिशन (गिराने) की कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि इन कॉलोनियों के मालिकों द्वारा सरकार के निर्देशों की अवहेलना करते हुए नियमों की खुली उल्लंघना की जा रही थी।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध कॉलोनी काटने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पापरा एक्ट-1995 (संशोधित 2024) के अनुसार 5 से 10 साल तक की कैद और 25 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विभाग द्वारा अब तक कुल 26 अवैध कॉलोनियों को काटने वाले कॉलोनाइज़रों और अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए पुलिस विभाग को लिखा जा चुका है।
इसके अलावा पुड्डा के रेगुलेटरी विंग द्वारा समय-समय पर जिला अमृतसर के भीतर विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों और निर्माणों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया जा रहा है और संबंधित एक्ट के तहत नोटिस जारी कर निर्माण कार्य रुकवाया जा रहा है। साथ ही संबंधित थाना अधिकारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं।
एडीए के रेगुलेटरी विंग ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी गैर-कानूनी कॉलोनी, जो कि पुड्डा विभाग से मंजूरशुदा नहीं है, में प्लॉट खरीदने से पहले कॉलोनी की पुड्डा से प्राप्त मंजूरी की जानकारी अवश्य लें ताकि उनके धन-संपत्ति का नुकसान न हो और भविष्य में कोई परेशानी न आए।
इसके अलावा विभाग ने यह भी अपील की है कि जिले में कहीं भी किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले पुड्डा विभाग से आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त कर ही निर्माण किया जाए।
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