
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 28 अक्टूबर 2025: आंखों के डॉक्टरों की संस्था “पंजाब ऑप्थैल्मोलॉजिकल सोसाइटी” ने कार्बाइड और अस्थायी (इंप्रोवाइज्ड) पटाखों के खिलाफ राष्ट्रीय चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन पटाखों के कारण पूरे भारत में आंखों को अंधा करने वाली चोटों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अमृतसर अकादमी ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट्स के अध्यक्ष डॉ. शौकीन सिंह, सचिव डॉ. करमजीत सिंह और कोषाध्यक्ष डॉ. रमन मित्तल ने जारी बयान में बताया कि कई राज्यों के नेत्र विशेषज्ञों और अस्पतालों ने यह पुष्टि की है कि तथाकथित “कार्बाइड बम” या “कार्बाइड बंदूकें” के कारण गंभीर नेत्र चोटों में वृद्धि हुई है।
ये उपकरण कैल्शियम कार्बाइड और पानी से बनाए जाते हैं, जिनसे विस्फोटक एसीटिलीन गैस निकलती है। ये रासायनिक विस्फोटक हैं, पारंपरिक पटाखे नहीं।
विशेषज्ञों ने बताया कि इन अंधा करने वाले रसायनों से थर्मल बर्न (जलने की चोटें), कॉर्नियल विनाश (कॉर्निया को नुकसान), स्थायी दृष्टि हानि और अशक्तता (डिसएबिलिटी) जैसी गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
डॉक्टरों ने आशंका जताई कि छठ पूजा और अन्य त्योहारों के नजदीक आने के साथ ऐसे खतरनाक उपकरणों का इस्तेमाल अंधेपन और चेहरे की गंभीर चोटों की एक नई लहर पैदा कर सकता है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों ने कार्बाइड-आधारित पटाखों के निर्माण, बिक्री, परिवहन और उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
आंखों के विशेषज्ञों ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे ऐसे खतरनाक पटाखों से सावधान रहें। विशेष रूप से माता-पिता से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों को ऐसे कार्बाइड आधारित पटाखे खरीदने या चलाने से रोकें, क्योंकि ये आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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