पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने अमृतसर जेल का दौरा किया, महिला कैदियों से की बातचीत

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 04 नवंबर 2025: पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने आज अमृतसर जेल का दौरा कर वहां बंद महिला कैदियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से महिलाओं को बुनियादी सुविधाएँ — जैसे खाने-पीने, स्वास्थ्य सेवाएँ और कानूनी सहायता — उपलब्ध करवाई जा रही हैं। लेकिन अगर किसी महिला कैदी को इस संबंध में कोई शिकायत है, तो वह अब या भविष्य में महिला आयोग से संपर्क कर सकती हैं।
गिल ने बताया कि अधिकतर महिलाएँ एन.डी.पी.एस. एक्ट (नशा संबंधी कानून), धारा 420, या घरेलू हिंसा के मामलों में बंद हैं। उन्होंने कहा कि एन.डी.पी.एस. एक्ट काफी सख्त है, इसलिए जमानत मिलना मुश्किल होता है, परंतु जेल प्रशासन द्वारा जरूरतमंद महिला कैदियों को कानूनी सहायता दी जा रही है ताकि मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कैदियों को त्वचा संबंधी बीमारियों की समस्या है, जिसके लिए डॉक्टरों द्वारा इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है। गिल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए सप्ताह में दो बार गायनोकॉलोजिस्ट आते हैं, और यदि किसी महिला को प्रसव की स्थिति होती है, तो उसे बाहर अस्पताल भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
गिल ने कहा कि उन्हें विदेशी महिला कैदियों से भी बातचीत करने का मौका मिला, जिन्हें अपनी एम्बेसी से संपर्क करने में कठिनाई आ रही थी। इस पर उन्होंने जेल अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
85 वर्ष से अधिक आयु की बुजुर्ग महिला कैदियों की स्थिति पर चिंता जताते हुए गिल ने कहा कि पुलिस को जांच के दौरान मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
राज लाली गिल ने बताया कि नशा विरोधी मुहिम पंजाब सरकार द्वारा तेज़ी से चलाई जा रही है और कानून सबके लिए समान है — चाहे कोई स्थानीय हो या विदेशी। उन्होंने कहा कि कई बार महिलाएँ अपने पति या पारिवारिक सदस्यों के कारण फंस जाती हैं, लेकिन कानूनी रूप से कार्रवाई जांच के परिणामों के आधार पर ही की जाती है। अंत में, गिल ने महिला कैदियों को अपना निजी फ़ोन नंबर भी दिया ताकि कोई भी महिला सीधे तौर पर उनसे संपर्क कर सके।

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