पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 56 प्रतिशत की कमी
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 8 नवंबर 2025: साल 2025 की धान कटाई के दौरान जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों, जागरूकता अभियान और किसानों के सहयोग के चलते पराली जलाने की घटनाओं में 56 प्रतिशत की बड़ी कमी आई है। डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह ने पराली प्रबंधन को लेकर अधिकारियों के साथ की गई बैठक में यह विचार साझा करते हुए कहा कि आने वाले कुछ दिन इस कार्य को और समर्पित करें ताकि किसान गेहूं की बुवाई सुचारू रूप से पूरी कर सकें।
उन्होंने बताया कि पिछले साल 7 नवंबर तक 633 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि इस बार केवल 280 खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से भूमि का उपयोगी जैविक पदार्थ, जो कि मिट्टी के लिए बहुत लाभदायक है, नष्ट हो जाता है और इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में कमी आती है। इसके अलावा सड़कों के किनारे मौजूद अवशेषों को आग लगाने से यातायात में भी बाधा उत्पन्न होती है, इसलिए इस प्रवृत्ति को रोकने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर एडिश्नल जिला मजिस्ट्रेट रोहित गुप्ता ने पराली जलाने के नुकसान बताते हुए यह घोषणा की कि पराली जलाने पर लगी रोक, जो पहले 14 नवंबर 2025 तक लागू थी, उसे बढ़ाकर अब 14 दिसंबर तक कर दिया गया है। उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल किसानों को सीधा नुकसान होता है बल्कि इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव देश के उत्पादन पर भी पड़ता है। इसलिए जिले में पराली जलाने से रोकने के लिए जिन क्षेत्रों में बेलिंग नहीं होती, उन क्षेत्रों में धान की कटाई के दौरान कॉम्बाइन हार्वेस्टर के साथ एस.एम.एस./सुपर एस.एम.एस. मशीन का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
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