माझा क्षेत्र के गदरियों की याद में धालीवाल द्वारा गुरवाली में लाइब्रेरी का उद्घाटन

शहीद करतार सिंह सराभा के साथ शहीद हुए 6 साथियों की याद में आयोजन

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 16 नवंबर 2025: ‘माझा की धरती ने गदर आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इन शहीदों ने न केवल आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया, बल्कि देशवासियों को आज़ादी का असली अर्थ भी समझाया। इसी कारण गदरियों को जनता का साथ मिला, जो देश को आज़ाद करवाने के लिए बेहद ज़रूरी था।’
यह विचार विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने गुरवाली गाँव में आयोजित उस कार्यक्रम में व्यक्त किए, जो सरदार करतार सिंह सराभा के साथ शहीद हुए छह गदरियों जिनमें से तीन गुरवाली और एक सूर सिंह गाँव के थे की याद में करवाया गया। इस अवसर पर उन्होंने हल्का विधायक जसविंदर सिमरन दास के साथ मिलकर स्कूल में बनाई गई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया, जो इन शहीदों की स्मृति को समर्पित है।
श्री धालीवाल ने कहा कि सराभा जी की याद में तो हर साल आयोजन होते रहे हैं, लेकिन उनके साथ शहीद हुए बख्शीस सिंह, सुरैन सिंह वड्डा, सुरैन सिंह छोटा (तीनों गुरवाली से), जगत सिंह (पिंड सूर सिंह), हरनाम सिंह (स्यालकोट), और विष्णु गणेश पिंगले (महाराष्ट्र) को कभी ठीक तरह याद नहीं किया गया था। इन शहीदों को याद कर वे स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि आज़ादी संघर्ष में योगदान देने वाले इन शहीदों के गाँवों का विकास करवाया जाएगा। ज्ञात हो कि कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने गुरवाली गाँव को अपने अधिकार क्षेत्र फंड में से 10 लाख रुपये दिए थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शहीदों के सपनों का पंजाब बनाना चाहते हैं, और यह तभी संभव है जब हम सभी में राष्ट्रीयता की भावना जागृत हो। उन्होंने कहा कि आज़ादी के मतवालों की सोच को जीवित रखकर ही ऐसा संभव है और इसके लिए हर प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए विधायक जसविंदर सिंह रमदास ने कहा कि पंजाब ने सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया था। इतिहास गवाह है कि 1840 से ही पंजाबियों ने अंग्रेजों से लोहा लेना शुरू कर दिया था, और इसी जागरूकता के कारण यह आग देशभर में फैली। उन्होंने कहा कि पंजाब वीरों की धरती है और पूरा देश पंजाब पर गर्व करता है। इसके अलावा आज़ादी संघर्ष से जुड़े परिवारों के सदस्य अर्शदीप सिंह, गुरभजन सिंह, सरदूल सिंह, सरपंच राम सिंह और प्रिंसिपल जीत कौर भी उपस्थित थे।

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