पंजाबियों को गुमराह करना, केंद्र की मदद को अपनी बताना और पंचायतों के अधिकार छीनना- यही आम आदमी पार्टी का नया चेहरा है: भाजपा

कल्याण केसरी न्यूज़, चंडीगढ़, 18 नवंबर 2025: पंजाब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मान सरकार केंद्र की ओर से मिलने वाली वित्त आयोग की ग्रांट को अपनी उपलब्धि बताकर पंचायतों को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हरपाल सिंह चीमा द्वारा 332 करोड़ रुपये की “ऐतिहासिक ग्रांट” जारी करने की घोषणा जनता को गुमराह करने वाला दावा है, जबकि यह पूरी राशि केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग की किस्त है, जो तय प्रक्रिया अनुसार पंचायतों को मिलती है।
शर्मा ने कहा कि वित्त आयोग की ग्रांट केंद्र द्वारा सामान्य प्रक्रिया के तहत जारी होती है, जिसमें न पंजाब सरकार की इजाज़त चाहिए, न इच्छा और न ही कोई रोकटोक। यह ग्रांट गांवों की आबादी और निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार हर पंचायत तक पहुंचती है और राज्य सरकार इसमें किसी भी तरह का भेदभाव करने की हकदार नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र से आने वाली ग्रांट को राज्य सरकार अपनी बताकर पंचायतों में झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।

332 करोड़ की वितरण सूची भी रखी सामने :
अश्वनी शर्मा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त आयोग की यह किस्त पंजाब के अलग-अलग जिलों की जिला परिषदों को जारी की जा चुकी है, जिनमें शामिल हैं— अमृतसर : 10.64 करोड़, बरनाला : 3.75 करोड़, बठिंडा : 7.74 करोड़, फरीदकोट : 3.70 करोड़, फतेहगढ़ साहिब : 3.64 करोड़, फाज़िल्का : 17.57 करोड़, फिरोज़पुर : 15.77 करोड़, गुरदासपुर : 27.63 करोड़, होशियारपुर : 28.52 करोड़, जालंधर : 23.23 करोड़। उन्होंने बताया कि अन्य जिलों को भी इसी प्रकार राशि जारी की गई है।
शर्मा ने सवाल उठाया कि जब ग्रांट का हर पैसा वित्त आयोग के नियमों के अनुसार सीधे जा रहा है तो इसे राज्य सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में कैसे पेश कर सकती है?

सरपंचों के मान-भत्ते पर भी साधा निशाना
शर्मा ने कहा कि सरपंचों को मिलने वाला मान-भत्ता लंबे समय से रूका हुआ है। अब प्रदेश सरकार ने नया फरमान जारी कर यह जिम्मेदारी खुद उठाने की बजाय पंचायतों के खातों पर थोप दी है। कई पंचायतों के पास न ज़मीन है, न अपनी कोई आय—ऐसे में वे सरपंचों को मान-भत्ता कैसे देंगी?
शर्मा ने कहा कि वित्त आयोग की किस्तें 15वें के बाद 16वें और 17वें आयोग तक सामान्य रूप से आती रहेंगी, लेकिन मान सरकार इन पर अपना नाम लगाकर विज्ञापन आधारित राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को गुमराह करना, केंद्र की मदद को अपनी बताना और पंचायतों के अधिकार छीनना— यही आम आदमी पार्टी का नया चेहरा है। भाजपा इस सच्चाई को जनता के सामने लाती रहेगी।

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