कुल्लवी स्वर कोकिला पंडित खुशबू भारद्वाज और इंडियन आइडल सीजन 2 रनर-अप सिंगर अनुज शर्मा ने बांधा समां

कल्याण केसरी न्यूज़, चंडीगढ़, 3 दिसंबर 2025: कुल्लवी स्वर कोकिला पंडित खुशबू भारद्वाज कुल्लवी और इंडियन आइडल रनर-अप सीजन 2 रहे बॉलीवुड सिंगर एवं परफॉर्मर अनुज शर्मा ने बॉलीवुड पहाड़ी व हिंदी गानों, नाटियों से समां बांध दिया। इन युवा सिंगर्स ने मंगलवार शाम हिमाचली संध्या में देवभूमि हिमाचल की मिट्टी और हिमाचल के पहाड़ों की खुशबू और लोक संस्कृति से कलाग्राम को सराबोर कर दिया। हिमाचल के अंतरराष्ट्रीय मेलों उत्सवों के स्टार सिंगर्स खुशबू और अनुज शर्मा ने अपनी प्रस्तुतियों से तमाम संगीत प्रेमियों, खासकर युवाओं के दिलों को झंकृत कर दिया। बता दें, अनुज के गीतों के ऑडियो, वीडियो,फेसबुक इंस्टाग्राम और यूट्यूब के अतिरिक्त हिमाचल की घाटियों में धूम मचा रहे हैं, उनकी रेशमी आवाज ने बॉलीवुड नगरी मुंबई में भी पहचान बना दी है। वहीं, कुल्लवी स्वर कोकिला कही जाने वाली पंडित खुशबू भारद्वाज ने कुल्लवी गीतों व नाटियों से संगीत प्रेमियों को ऊंचे-ऊंचे हिम खंडों, पर्यटन नगरी मनाली, शिमला व धर्मशाला की आबोहवा से रूबरू करवाया। इनके साथ ही इस संध्या में हिमाचल के वरिष्ठ एंकर, संस्कृतिकर्मी कुलदीप गुलेरिया का संचालन, गोगी आर्केस्ट्रा बैंड तथा हिमाचली डांस ग्रुप आकर्षण का केंद्र रहे।
संगीत प्रेमियों के दिलों को छूने और ऊर्जा प्रदान करने वाली यह हिमाचली संध्या मंगलवार शाम उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला और चंडीगढ़ सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कलाग्राम में चल रहे 15वंे राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में आयोजित हुई।
लाल चिड़िया हो लाल चिड़िये…
इस संध्या में पंडित खुशबू भारद्वाज के शिव स्तुति के साथ शिव कैलाशो के वासी, कुल्लू रीऐ पौट्टू वालिया, लाल चिड़िया हो लाल चिड़िये, महिलाओं द्वारा डाले जाने वाले गिद्दे- गरांयें दे लम्बरा हो, इन्हा छोरूआं जो देया समझाई…, महासू का गीत -तेरा मेरा प्यार नहीं अडी़ये…, किन्नौर में गाए जाने वाला- हेरियो लाए
शिमला की… और नाटी -रोहड़ू जाना मेरी आमिए… पेशकर हिमाचली संगीत की सरिता में श्रोताओं को खूब गोते लगवाए।
इसा गराएं दिया लंबड़ा…
युवा सिंगर अनुज शर्मा ने देवा श्रीगणेशा… के बाद इक हसीना थी…. ए दिल है मुश्किल…, लगन-लगन लागी है…, तेरी दीवानी…, हवाएं, बुलैया गानों से सामयीन की ख्ूब दाद बटोरी। इस युवा सिंगर ने बॉलीवुड सॉ सैयारा…, हर किसी को नहीं मिलता…, मेरी उमर के नौजवानों…, सानु इक पल चैन न आवे…, दिल ले गई कुड़ी…, की बनु दुनिया दा…, इसा गराएं दिया लंबड़ा…, और माए नि मेरिए शिमले दी राहे जैसे बाॅलीवुड, पंजाबी और हिमाचली गानों का जादू बिखेरकर तमाम सामयीन की खूब दाद लूटी।
दिनभर छाया लोक नृत्यों का जादू
मनीमाजरा स्थित कलाग्राम में चल रहे 15वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में मंगलवार को दिन के सत्र में महाराष्ट्र के सोंगी मुखौटा व लावणी, राजस्थान के चरी, पश्चिम बंगाल के नटुआ, असम के बिहू और यूपी के बरसाना की होली लोक नृत्यों में दर्शकों को विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने का अवसर मिला, तो उन्होंने इन नृत्यों को तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खूब सराहा।
वहीं, दोपहर के सत्र में पंजाब के आदिवासी समुदायों के सम्मी (शाहमुखी), छत्तीसगढ़ के पंथी, त्रिपुरा के हाेजगिरी, राजस्थान के चकरी और जम्मू-कश्मीर के धमाली नृत्यों ने धूम मचा दी।
ये प्रस्तुतियां उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला और चंडीगढ़ कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे 15वें चंडीगढ़ क्राफ्ट मेला में सोमवार दिन और शाम के सत्र में दी गईं। इन प्रस्तुतियों में फोक डांसर्स के कॉस्ट्यूम, कॉम्बिनेशन, एक्सप्रेशन और धमक ने दर्शकों को खूब रिझाया।
सुरों में सजा पंडवानी यानी गाथा गायन
मेले में अपराह्न के सत्र में छत्तीसगढ़ी एकल नाट्य पंडवानी यानी पांडव वाणी (पांडव कथा) यानी महाभारत कथा के परंपरापत गायन ने कथा, अध्यात्म की अलख जगाई। इसमें लोक वाद्य यंत्रों और कलाकार के हाव-भाव ने लोगों का मन जीत लिया।
कच्छी घोड़ी और बाजीगर नचार की धूम-
कलाग्राम प्रांगण में दिनभर चल रही राजस्थान का कच्छी घोड़ी, पंजाब का बाजीगर-नचार, हरियाणा के बीन (जोगी) और नगाड़ा की प्रस्तुतियां मेलार्थियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
दस्तकार बिक्री से खुश-
कलाग्राम में चल रहे क्राफ्ट मेले के स्टाल्स देशभर के शिल्पकारों के उत्पाद मेलार्थियों को खूब जंच रहे हैं। मेलार्थी इन स्टालों पर खरीदारी करने को उमड़ रहे हैं। इस बारे में लुधियाना से आए गुरुदयाल सिंह कहते हैं कि कारीगरों के हस्त निर्मित उत्पाद की क्वालिटी और खूबसूरती लाजवाब है। पंचकूला से आईं हरमन कौर बताती हैं कि यहां खरीदारी से जहां अच्छे उत्पाद मिलने की गारंटी है, वहीं हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन भी मिलता है। कई दस्तकारों में मेले में हो रही बिक्री को लेकर काफी उत्साह है। ट्राईसिटी राइट्स मेले में राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों काे भी जमकर आनंद ले रहे हैं।
टेराकोटा उत्पाद समय के साथ बदले तो बिक्री बढ़ी
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला और चंडीगढ़ सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कलाग्राम में चल रहे 15वें राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में विभिन्न उत्पादों के डेमो मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इनमें करमचंद प्रजापति के टेराकोटा डेमो के स्टाल एच-1 पर यही आलम है।
प्रजापति बताते हैं कि वे यहा डेमो के लिए ही आए हैं, लेकिन लोगों को डेमो में रखे उत्पाद पसंद आ रहे हैं, जिससे खरीदारी भी कर रहे हैं।
अब इंटीरियर डेकोरेशन के उत्पादों की मांग ज्यादा
प्रजापति बताते हैं कि उन्हें यह काम विरासत में मिला है। पहले मटकी, दीपक जैसे परंपरागत उत्पाद ही बनाते थे। इनकी बिक्री काफी कह होने लगी, तब करीब 20 साल पहले गार्डन पॉट (गमले) की मांग बढ़ने से इस व्यापार को संबल मिला। इसके बाद इंटीरियर डेकोरेशन के उत्पाद लोगों को भाए, इनकी मांग आज तक कायम ही नहीं, लगातार बढ़ भी रही है।
गैस के चूल्हे के हिसाब से बने किचन वेयर
करमचंद बताते हैं कि पहले हांडी आदि देसी चूल्हे के हिसाब से मोटे और भारी बनते थे। फिर जब रसोई गैस का चलन बढ़ा तो इनकी बिक्री बंद प्राय: हो गई
189 वर्कशॉप लगा चुके करमचंद
प्रजापति बताते हैं कि वे टेराकोटा के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण भी देते हैं। देशभर में अब तक 189 वर्कशॉप भी लगा चुके हैं। वहीं, देशभर में कई क्राफ्ट मेलों में स्टाल लगा चुके हैं।
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