कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर,19 अगस्त : संत ज्ञानी हरनाम सिंह, दमदमी टकसाल के प्रमुख खालसा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम बैठने पर गुरु इतिहस की कहानी सुनाकर संगतों को प्रसन्न किया। मोह के साथ संगत की कहानी सुनना एक अलौकिक और अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। श्री अकाल तख्त साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब के पहले बैठने की कहानी में सिर्फ एक बार सुनने की परंपरा चली आ रही है। इस अवसर पर श्री दरबार साहिब के प्रमुख ग्रन्थि सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह सहित संगत ने 2 घंटे तक गुरू इतिहस की कहानी का आनंद लिया। ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि पाँचवें पातशाह गुरु अर्जन देव जी 1604 ई। में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के संपूर्ण संपादन के बाद, इस दिन बाबा बुद्ध जी को मुख्य ग्रंथी के रूप में नियुक्त किया गया था। दमदमी टकसाल प्रमुख ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी दुनिया का एकमात्र पवित्र धार्मिक ग्रंथ है, जिसे धार्मिक नेताओं ने अपने जीवनकाल में सिद्ध किया है।
दान के माध्यम से पता चला और जो मानवता के हर पहलू में नेतृत्व करने में सक्षम हैं। उन्होंने कुछ लोगों द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और गुरबानी में ज्यादतियों के खिलाफ संगतों को आगाह किया और कहा कि गुरबानी के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन संगतों को गुरबानी सिखाकर जीवन और मूल्यवान शब्दों की धानी बन जाना उन्होंने जीवन के लिए भी अपील की। उन्होंने संगतों से सामाजिक बुराइयों से दूर रहने, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का सम्मान करने और अखंड पाथी और ग्रंथी सिंह को अधिक से अधिक सम्मान देने का आग्रह किया। इससे पहले, दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानील हरनाम सिंह खालसा ने गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से एक अलौकिक नगर कीर्तन में भाग लिया, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन किया गया था। इस अवसर पर बाबा परदीप सिंह बोरवेल, भाई अजायब सिंह अभयसी, भाई जगतार सिंह रोडे, अमरबीर सिंह धोत भी उपस्थित थे। फोटो: दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा, श्री अकाल तख्त साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले बैठने के संबंध में हर साल की तरह गुरु इतिहस की कहानी सुनते हैं।