पराली की गांठें बनाने के लिए बेलर मशीनें उपलब्ध : ज़िलाधीश

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर,20 सितम्बर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के आदेशों के अनुसार, धान की कटाई के बाद छोड़े गए पुआल को जलाने की सख्त मनाही है। जिले के सभी किसानों वीर को पुआल में आग नहीं लगाना चाहिए और पुआल इकट्ठा करके खेतों से बाहर ले जाना चाहिए या खेत में पुआल फैलाना चाहिए और अगली फसल बोना चाहिए। आज यहां इसका खुलासा करते हुए गुरप्रीत सिंह खैरा ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कृषि विभाग ने किसानों, किसान समूहों और सहकारी समितियों को सब्सिडी के आधार पर 1775 मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इसके अलावा, किसानों के लिए पहले से ही उपलब्ध हजारों कृषि उपकरणों का उपयोग भूसे से निपटने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुआल की गांठें बनाने के लिए जिले में बेलर मशीनें उपलब्ध हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर डॉ गुरदयाल सिंह बल ने कहा कि इन बेलर मशीन मालिकों को मालवा से आमंत्रित किया गया है। ताकि किसानों को पुआल को संभालने में किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने किसानों से गुरबिंदर सिंह (94630-46547 और 99158-36547), कुलदीप सिंह (70096-48671 और 98766-23057) द्वारा कटाई के बाद पुआल बनाने की अपील की। गुरदीप सिंह (89689-00150), कुलदीप सिंह (94641-31966), राजू सिंह (97500-00329 और 97000-93693), जगतार सिंह (94649-06242 और 78141-01180), करमजीत सिंह (62837-77811)। चलो चलते हैं। ये मशीन ऑपरेटर गांठ बनाने के लिए 1000 / – प्रति एकड़ की बहुत ही उचित दर का भुगतान करेंगे और साथ ही अगली फसल के लिए खेत की तैयारी के लिए भुगतान करेंगे और लागत को भी कम करेंगे। उन्होंने कहा कि पुआल में आग लगाकर पर्यावरण को प्रदूषित नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन पराली को खेतों में गांठों से बाहर निकालना चाहिए।

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