कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 29 सितम्बर: पराली को आग लगाने से पैदा होने वाली ज़हरीली गैसों से वातावरण को बचाने के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग ने कमर कसते हुए विशेष जागरूकता मुहिम की शुरुआत कर दी है, जिस के अंतर्गत गाँवों में रोजाना ऑडियो संदेश प्रसारित किया जायेगा, जिसके जरिए किसानों को पराली को न जलाने सम्बन्धित जागरूक किया जायेगा।
इस सम्बन्धित विस्तृत जानकारी देते मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिन्दर सिंह ने बताया कि ज़िले में धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए गांवों की पंचायतों और नम्बरदारों को पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण होने वाले नुकसानों और कोविड-19 के साथ प्रभावित मरीज़ों की स्थिति और ख़राब होने के बारे जागरूक किया जायेगा, ताकि सभी मिलकर अपने-अपने इलाके के किसानों को पराली नहीं जलाने के बारे जागरूक करें।
उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से इससे सम्बन्धित 1.5 मिनट का एक ऑडियो संदेश भी तैयार किया गया है, जोकि गाँवों के सरपंचों के मोबाइल नंबरों पर भेजते हुए गांवों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा भी प्रसारित किया जायेगा। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए भी इस जागरूकता संदेश का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धित ज़िला विकास और पंचायत अफ़सर को पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें गांवों में जागरूकता प्रोग्राम करवाने के लिए कहा गया है, जिनमें कृषि विशेषज्ञ वेबिनार के जरिए शामिल होंगे। उन्होंने आगे बताया कि इसी तरह का एक ओर 1.35 मिनट का ऑडियो संदेश तैयार किया गया है, जोकि ब्लॉक कृषि अफ़सरों के द्वारा समूह स्टाफ के ज़रिये पराली की मुकम्मल संभाल होने तक गांवों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए प्रसारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाने कारण पैदा होने वाले धुएं से वातावरण और सेहत को बचाने के लिए विभाग की तरफ से हर संभव कदम उठाया जायेगा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली को आग लगाने की बजाय सुपर एसएमएस के साथ लैस कम्बाईन का प्रयोग करें, जिससे पराली का खेतों में सहज ढंग से निपटारा किया जा सकता है।