कल्याण केसरी न्यूज़,3 अक्टूबर : पिछले समय दौरान गैंगरेप के बाद मारी गई चिडिय़ों जैसी लड़कियों के मामले अभी ठंडे नहीं हुए थे, कि एक ओर हैवानियत का इंसानियत पर हमला हो गया, जो किrअसहनीय था। यू.पी. में पिछले दिनों जिला हाथरस में एक लडक़ी के साथ गैंगरेप हुआ, जिस में मनुष्यों के रूप में आए शैतानों ने हैवानियत की हदों को पार करते हुए गैंगरेप के बाद एक दलित लडक़ी की जीभ काट दी और ओर भी उस पर न सहनीय करतूतों को अंजाम दिया। जिसको मनुष्य तो क्या शैतान भी देख कर काँप गया, कि यदि यह मनुष्य हैं तो फिर मैं तो इनसे कई हजार गुणा अच्छा हूँ। यहाँ इस घटना ने कानून के रखवालों, राजनीतिक नेताओं, सरकारों के आगे कई सवाल खड़े कर दिए हैं और अब का समय यह माँग कर रहा है कि अब तो इंसानियत को बचाने के लिए उठ जाना चाहिए नहीं तो इस धरती पर मनुष्यों के भेस में शैतानों का राज्य कायम हो जाएगा। सन 2012 में दिल दहला देने वाला निर्भय कांड हुआ था। जिस के बाद पूरे देश में रोष प्रदर्शन किए गए और दोषियों को फांसी की सजा देने की माँग भी उठाई गई। इस के बाद पिछले साल ही एक ओर दर्दनाक घटना घटी जिस में 2019 में हैदराबाद में लडक़ी का बलात्कार करने के बाद दोषियों की तरफ से उसको आग लगा कर जला दिया गया था हालांकि बाद में दोषियों को पुलिस ने इनकाउंटर में मार भी दिया गया था। इस इनकाउंटर पर कई तरह के सवाल भी उठे, परन्तु ज्यादातर लोगों की तरफ से इसको जायज ही ठहराया गया। जिस से मामला खत्म हो गया। इस घटना के बाद पिछले दिनों हाथरस यू.पी. में घटी इस घटना ने तो सभी ही लोगों को सोच में डाल दिया कि रेप करने के बाद दरिदंगी भरीं करतूतों को अंजाम देने वाले नौजवान हमारी ही धरती पर रहने वाले लोग हैं? अब बात सारी ही कानून के रखवालों जिनमें सरकार, अदालतें, पुलिस प्रशासन आता है पर आ गई है। यह विचार करने वाली बात है कि वह कैसा कदम उठाते हैं जिस के साथ आने वाले समय में ऐसे काम करने से पहले, इस जैसी करतूतों करने वाले और करने के बारे सोचने वाले 100 बार सोचे। इस मुद्दे पर सोच विचार करने पर एक बात सामने आई है कि क्या हमें भी विदेशों के तरह अपने देश के में सब कुछ फ्री कर देना चाहिए? क्या वह समय आ गया है? मान लो फ्री कर भी दिया जाये तो क्या हमारे पास विदेशों जैसा कानून स$ख्त है? जिससे दोषियों को सजा दी जा सके। विदेशों में यदि सब कुछ फ्री है तो वहां कानून भी बड़े स$ख्त हैं। यदि कोई शिकायत करता है चाहे वह लडक़ी है चाहे लडक़ा, चाहे वह बुजुर्ग हैं, उन की शिकायत पर स$ख्त तौर पर कार्यवाही की जाती है जिससे आने वाले समय में कोई भी एेसा कार्य करने से पहले लाख बारी सोचे। जो भी है अब वह समय आ गया कि हमें सभी को एकजुट हो कर इस अपने आप से बाहर होते जा रहे समाज को अपने आप से बाहर होने से रोका जाये नहीं तो फिर जब इसके बारे में कोई सोच विचार शुरू होगा, कार्यवाहियं शुरू होंगी तो हालातों पर काबू करना बहुत ही मुश्किल होगा। जिसके नतीजे कुछ हद तक सामने भी आने शुरू हो गए हैं। परमात्मा आगे यह दुआ करते हैं कृपा करो कि इंसानियत फिर से जीवित हो सके और हैवानीयत मर जाये।
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