कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर,15 अक्टूबर : जिले के लोगों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सभी विभागों को एक टीम के रूप में काम करना जरूरी है। उक्त टिप्पणी जिला डेंगू टास्क फोर्स की बैठक के दौरान सहायक आयुक्त अनमजोत कौर ने कही इस मामले में देखभाल नहीं की जानी चाहिए और मच्छरों के लार्वा को खोजने के मामले में, भवन के मालिक का चालान काटा जाना चाहिए, चाहे वह इमारत सार्वजनिक हो या निजी। चालान काटने वाली टीमों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को खुश करने के नाम पर लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस संबंध में एक कार्रवाई रिपोर्ट हर हफ्ते उपायुक्त कार्यालय को भेजी जाए। सहायक आयुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषदों, नगर परिषदों के अलावा आई.पी. म। जिला पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग, मत्स्य विभाग, पशुपालन विभाग, पंजाब रोडवेज, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग आदि के साथ मिलकर काम करना।उन्होंने कहा कि इसके अलावा हर सरकारी कार्यालय को बारिश के दिनों में अपने भवन और अन्य स्थानों की छत का निरीक्षण करना चाहिए ताकि कोई भी व्यर्थ पानी न बचे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को सभी कार्यालयों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और घरों के मालिकों को व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करना चाहिए और खड़े पानी की निकासी सुनिश्चित करें ताकि मच्छर न पनपे। उन्होंने लोगों से अपील की कि अब से कूलर की छतों पर टूटे-फूटे बर्तनों, गमलों, टायर की नलियों और घरों में किसी भी खड़े पानी की सफाई शुरू करें ताकि डेंगू अंडे और मच्छर आदि पैदा नहीं होने चाहिए।”अगर हम सप्ताह में एक बार ‘ड्राई डे’ मनाते हैं और अपने आस-पास के पानी को साफ करते हैं, तो मच्छर प्रजनन नहीं कर सकते,” अनमजोत कौर ने कहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सावधानी के साथ भविष्य की परेशानी से बचा जा सकता है। “चिकनगुनिया और मलेरिया, जो मच्छरों द्वारा फैलते हैं, सावधानी से बचा जा सकता है,” उन्होंने कहा सहायक आयुक्त ने कहा कि सभी अस्पतालों में डेगू परीक्षण नि: शुल्क आयोजित किए जाते हैं और कोई भी निजी लैब डेगू टेस्ट के लिए रु। 600 / – से अधिक शुल्क नहीं ले सकती है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मदन मोहन ने कहा कि डेंगू बुखार से शरीर में दर्द, तेज बुखार और आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होता है। यदि किसी मरीज के शरीर पर लाल धब्बे और रक्तस्राव होता है, तो प्लेटलेट कोशिकाएं कम हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार के लिए दवाओं की ज्यादा जरूरत नहीं थी और साधारण दवा ही काफी थी। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में मुफ्त परीक्षण और उपचार की सुविधा उपलब्ध थी। उन्होंने निजी अस्पतालों के प्रबंधन से यह भी कहा कि यदि कोई डेंगू या मलेरिया का मरीज इलाज के लिए उनके अस्पताल में आता है तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। इस अवसर पर अन्य लोगों में कार्यवाहक सिविल सर्जन डाॅ अमरजीत सिंह, जिला मंडी अधिकारी अमनदीप सिंह, उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेश शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम डॉ अजय कंवर, निरीक्षक खाद्य आपूर्ति गोरव शर्मा, सभी चिकित्सा अधिकारी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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