कल्याण केसरी न्यूज़ लुधियाना 12 दिसंबर: (अजय पाहवा) सर्दियों के करीब आते ही बहुत से लोग छुट्टियां मनाने की प्लानिंग करने लग जाते हैं। दिसंबर महीने के आखिरी हफ्ते में साल भर की बची छुट्टियां लेने और इंज्वाय करने का चलन काफी पुराना है। कई दशकों से हो रही रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सेलिब्रेशन के इन दिनों में ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के ओपीडी ब्लॉक इस संबंध में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कार्डियोलॉजी विभाग के एडिश्नल डायरेक्टर डॉ. संदीप चोपड़ा ने हार्ट अटैक के संकेत और बचाव के तरीके बताए।
उन्होंने कहा कि छुट्टियां मनाने के दौरान सभी लोग अलग-अलग तरह के भोजन व पेय पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। जिनका हमारी सेहत पर उसी अनुरूप प्रभाव पड़ता है। सर्दी के दौरान पड़ रही ठंड का भी शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहता है। शरीर के तापमान में गिरावट आने से ब्लर्ड आर्टरीज, नसें और धमनियां सिकुड़ सकती गहैं। इनमें ब्लड के क्लॉट जम सकते हैं। ऐसी स्थिति में ब्लड सर्कूलेशन के लिए दिल को ज्यादा जोर लगाकर काम करना पड़ता है। इससे दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ सकता है। जिन लोगों के एक बार सर्दी के मौसम में दिल का दौरा पड़ता, उन्हें ऐसे मौसम में ज्यादा खतरा रहता है। जो लोग स्मोकिंग करते हैं, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज हैं, ज्चादा वजन वाले हैं या जो लोग नियमित कसरत नहीं करते, वे हमेशा हाई रिस्क पर रहते हैं। इन्हें सर्दी के दिनों में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत रहती है।
डॉ. चोपड़ा ने कहा कि ज्यादातर दिल के दौरे पडऩे से पहले छाती के बीच में कुछ अजीब सा महसूस होता है। इसके साथ ही कुछ मिनटों तक दर्द होने लगता है। इस दौरान अलग तरह का दवाब और अजीब सा महसूस होता है। एक या दोनों बाजुओं, पीठ, गर्दन, दांत के जबड़े और पेट का दर्द भी हार्ट अटैक की शुरुआत होने का लक्षण हैं। इस स्थिति को रोकने के लिए ठंड से बचाने वाले मोटे कपड़े पहने जा सकते हैं। नमक और अल्कोहल के सेवन से बचना होगा। इससे पूरा साल तंदरुस्त रहा जा सकता है। मगर सर्दियों में विशेष सतर्क रहना पड़ेगा। स्मोकिंग का स्थाई त्याग करना और साल भर हेल्दी जीवन शैली को अपनाना जरूरी है। अगर छाती में दर्द, खिंचाव, सांस लेने में तकलीफ और ज्यादा कमजोरी जैसा दिल के दौरे का कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत एंबुलेंस को बुलाएं। अगर आप पहले से हार्ट डिजीज से ग्रस्त हैं तो तुरंत आपका इलाज करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। इमरजेंसी की हालत से बचने के लिए नियमित तौर पर चेकअप कराते रहें। उन्होंने कहा कि साल खत्म होने के दिनों में व्यक्ति पर वित्तीय परेशानियों का बोझ भी रहता है। जिसकी वजह से तनाव हो सकता है। यह तनाव भी सर्दियों के दिनों में हार्ट अटैक का स्ट्रॉक का कारण बन सकता है। अपने डॉक्टर की सलाह से जीवन शैली में बदलाव करें। हार्ट डिजीज से ग्रस्त लोगों को उनके डॉक्टर की ओर से दी गई दवा लगातार लेते रहें। कहीं भी जाते समय दवाई अपने साथ लेकर जाएं।
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