कल्याण केसरी न्यूज़ ,14 दिसंबर : जगाधरी निवासी एस. गर्ग को पता चला कि गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार के हरियाणा स्कूल ऑफ़ बिज़नस में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर लगी संगीता मित्तल ने झूठ बोलकर व फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी तो उन्होंने इस बारे यूनिवर्सिटी के उपकुलपति टन्केश्वर कुमार सचदेवा को कार्यवाही को लिखा पर उसने दोषीगण से मिलकर उल्टा एस. गर्ग व उसके परिवार को ही झूठे मामले में फंसाने की कार्यवाही शुरू कर दी, जिस पर मामला टेक्निकल एजुकेशन विभाग, हरियाणा पहुँच गया और जब उनसे इस मामले में की गई कार्यवाही के बारे डॉ. एस. गर्ग ने सूचना के अधिकार में सूचना मांगी तो सम्बंधित अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर राजेंदर चौधरी ने दोषीगण से मिलकर सूचना देने में आना कानी की और प्रथम अपीलीय अधिकारी एडिशनल डायरेक्टर वाई पी एस बेरवाल ने दोषीगण के मिलीभगत के चलते सूचना न दिलवाई और मामला राज्य सूचना आयोग के सामने पहुंचा जहाँ मामले से बचने के लिए डिप्टी डायरेक्टर राजेंदर चौधरी और अन्य अधिकारी एक बार तो पेश ही नहीं हुए, जिस पर राज्य सूचना आयोग ने उसके और उसके साथियों के विरुद्ध वारंट जारी करके उसकी उपस्थिति सुनिश्चित की और उनसे सूचना न देने बारे जवाब माँगा, जिसमे तकनिकी शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंदर चौधरी, डिप्टी डायरेक्टर अरुणा गोयल, जॉइंट डायरेक्टर के. पी. सिंह ने राज्य सूचना आयोग से बिना शर्त माफ़ी मांगी ! सुनवाई पूरी होने के उपरांत माननीय सूचना आयुक्त श्री भूपिंदर कुमार धर्मानी ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवम जॉइंट डायरेक्टर पी. के. मल्होत्रा और सम्बंधित अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर राजेंदर चौधरी पर कुल 75000 रूपये का जुर्माना लगाया और साथ ही एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, तकनिकी शिक्षा विभाग को मामले का संज्ञान लेकर उनके विभाग के जनसूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी को सूचना के अधिकार अधिनियम की जानकारी लेने के लिए ट्रेनिंग पर भेजने व साथ ही आरटीआई के पालन के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों के पालन के लिए विभाग के नोडल ऑफिसर को निर्देश दिए !
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