कल्याण केसरी न्यूज़ ,18 दिसंबर ; हाल ही के तीन खेती कानूनों ख़िलाफ़ किसानों की तरफ से किये जा रहे आंदोलन को फेल करन के लिए मोदी सरकार की तरफ से शरणार्थी दाम दंड भेद भाव कि हर तरा का हथकंडा इस्तेमाल करा जा रहा है। इसी दौरान प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी की तरफ से सिक्ख भाईचारो के साथ प्यार का दिखावा करता एक पुस्तिका ’’प्रधान मंत्री मोदी और उन की सरकार का सिक्ख के साथ ख़ास रिसता ’’ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर अते हरदीप सिंह पुरी की तरफ से बीते महीने 30 नवंबर को सांझे तौर पर जारी किया गया। परन्तु यह चर्चा में उस समय आया जब इंडियन रेलवे की तरफ से अपने ग्राहकों को इस की पीडीऐफ अटैचमैंट के साथ बहुसंख्यक ई -मेलें भेजी गई |आलोचकों की नज़रों में यह कदम खेती कानूनों को रद्द कराने के मकसद के साथ अति की ठंड में भी पूरी आस्था और हौसले के साथ दिली को घेरी बैठे पंजाब के सिक्ख किसानी को भरमाउण के लिए उठाया गया है। क्योंकि खेती कानूनों की विरोध और दिल्ली घेरने की पहल कदमी पंजाब की जाट सिक्ख किसानी की तरफ से ही किये जाने के इलावा इस देश व्यापक आंदोलन के लिए योजनाबद्ध प्रबंध, लंगर, रहने आदि घटनाकर्मों में भी बड़ी संख्या सिक्ख हैं।मोदी सरकार की तरफ से जारी उक्त किताबी संदेश में प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को सिक्ख भाईचारो के साथ ‘ख़ास लगायो रखने वाला दिखाते उस द्वारा सिक्खों के लिए चुके गए कदमों को एक एक कर कर गिणायआ गया। जिस में मनी समिति की तरफ से मोदी को’राष्ट्रीय सेवा अवार्ड’के साथ सम्मानित किये जाने को पहल दी गई। उपरांत जिस में करतारपुर रास्ता, गुरू नानक देव जी, श्री गुरु तेग़ बहादुर जी और श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज की प्रकाश शताबदी में योगदान, नागरिकता संशोधन कानून के द्वारा अफगानी शरनारथी सिक्खों को नागरिकता देने, विदेशों में बैठे शरधालूआं दान करन की मंज़ूरी, काली सूची का ख़ात्मा, दंगा पीडितों के लिए इंसाफ़ जैसे काम गिणवाए गए हैं तो श्री हरमिन्दर साहब की श्री गुरु रामदास जी लंगर के लिए जीऐस्स्टी वापस करन को ’वित्तीय सहायता प्रदान ’’ करना कहा गया। अमृतसर से लंदन, बरमिंघम, ट्रांटो, दिली और नांदेड़ को हवाई उड़ानों की परवानगी के साथ ’अहसान ’ भी जताया गया। जम्मू कशमीर में धारा 370 हटाने उपरांत पंजाबी भाषा की मान्यता रद्द कर कर भी पता नहीं वहाँ सिक्खों के अधिकार सुरक्षित होने की बात कैसे गई?सिक्ख हत्याकांड के दोशियें को सलाखें पीछे भेजने की शुरूआत और सज़ाएं पुरी कर चुके कुछ सिक्ख कैदियों की रिहाई और करतारपुर रास्तो के लिए मोदी सरकार की शलाघा करनी बनती है। परन्तु इस वक्त सिक्ख भाईचारो के दिलों में स्थान बनाने के लिए खेती बारे काले कानूनों को तुरंत रद्द किया जाना ज़रूरी लग रहा है। क्योंकि धर्म उपरांत धरती -खेत ही किसान की माँ है। माँ प्रति हुआ हमला वह कैसे बरदास्त कर लेने? राज्यों को ख़ुदमुख़्तियारी, फेडरल ढांचा, पंजाब रियारगेनायजेशन एक्ट की ग़ैर संवैधानिक धारा 78 -79 और 80 हटाने, दर्यायी पानी, रयलटी, पंजाबी बोलते इलाके और चण्डीगढ़, पहाड़ी राज्यों की तर्ज़ पर सरहदी सूबा पंजाब को पैकेज, बेरोज़गारी, इंडस्ट्री, कृषि वस्तुएँ को कीमत सूचक अंक के साथ जोड़ने और स्वामी नाथन कमिशन रिपोर्ट लागू करन आदि माँगों समूह पंजाबियों की हैं, सिक्ख सरोकारों की बात करें तो यहाँ ओर अनेकों ही काफी देर की माँगों हैं, जिन पर अमल करते ही सिक्ख भाईचारो के साथ सुखदायक रिसते बनाऐ जा सकते हैं। सजण कुमार और सिक्ख हत्याकांड के दूसरे दोशियें को सज़ाएं दिला कर सलाखें पीछे भेजने साथ 36 वर्षों से बेइन्साफ़ी की पिड़ा भोग रहे पीडितों के हिरद्यें को मरहम लगा, इसी तरह बाकी दोशियें को भी सज़ाएं दिलाने के लिए ठोस उपराले करें की ज़रूरत है। जून ’84 के श्री दरबार साहब हमले दौरान गिरफ़्तार करते जोधपुर जेल में फेंके गए सिक्खों को केंद्र और पंजाब सरकार की तरफ से मुआवज़ा दिया गया। इस केस के साथ सम्बन्धित अदालती हुक्म में श्री दरबार साहब पर किये गए हमले को गलत ठहराया गया है। उक्त हमला लोकतंत्र का घान था इस लिए भारत सरकार को पार्लियामेंट में संकल्प के पास कर कर सिक्ख कौम से क्षमा याचना की जानी चाहिए। शौर्यगाथा नीला तारा बारे सत्य सामने लाने के लिए सभी सम्बन्धित गुप्त दस्तावेज़ जनतक किये जाने चाहिएं। श्री दरबार साहब समूह का जो नुक्सान हमले दौरान हुआ उस का बनता मुआवज़ा देने में देरी न हो।’84 दौरान बैरकों छोड़ने वाले धार्मिक फ़ौजी के साथ इंसाफ़ हो। सब से ख़ास कि कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों कारण (सन 1982 से 1995) दौरान हज़ारों लोग मारे गए, उक्त दौर की त्रासदी को राष्ट्रीय त्रासदी मानते मानवता के आधार पर आधार किसी भेद भाव सब पीडित परिवारों को मुआवज़ा और पीडित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरियाँ दीं जाएँ। मोदी सरकार की तरफ से श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाश शताबदी मौके 8सिक्ख राजनैतिक कैदियों को छोड़ने का फ़ैसला स्वागत योग्य है इसी तरह गुरू तेग़ बहादुर जी के प्रकाश शताबदी पर सज़ाएं पुरी कर चुके बाकी के राजनैतिक सिक्ख कैदियों को भी रिहा किया जाना चाहिए। श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की अतुल बलि को सजदा करन के लिए प्रस्तावित दिल्ली – अमृतसर – कटरा ऐक्सप्रैस ओए को गुरू साहब जी के नाम पर समर्पित किया जाये और गुरू तेग़ बहादुर जी के नाम पर एक राशटरी अवार्ड ( सम्मान) घोशित किया जाये जो कि हर साल सर्व सांझेदारी को परनाईआं अहम शख़सियतें में से एक को दिया जा सके।काली सूची के ख़ात्मे उपरांत विदेशों में बैठे वह व्यक्ति जो भारत आना चाहते होने उन पर कोई कार्यवाही न हो। करतारपुर रास्ता तुरंत फिर खोला जाये और इस के द्वारा यात्रा करन की प्रक्रिया को ओर सरल किया जाये। सर्व सांझेदारी केंद्र श्री दरबार साहब, श्री अंमृतसर साहब के दरशनों के लिए संगत की आमद मुताबिक पहुँच मार्ग नहीं रहे हैं, जिस को मुख्य रखते दूसरे रास्तों का भी सुंदरी करन करन के लिए विशेश आर्थिक पैकेज का प्रबंध किया जाना चाहिए। हरिद्वार ( उत्तराखंड) में गंगा किनारे हरि क्या सीढ़ी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा ज्ञान गोद साहब की फिर उसारी के लिए उसी ’’मूल स्थान ’’ की ज़मीन सिक्ख कौम को के कर सिक्ख जगत की 40 साल पुरानी काफी देर की माँग पूरी की जानी चाहिए। इस के इलावा सिक्कम में स्थित गुरुद्वारा गुरू डांग मार साहब और उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर नज़दीक मंगू और पंजाबी मठ सिक्खों के हवाले किये जाएँ। किसान आंदोलन के चलते गुजरात के बगल के पंजाबी किसानों का प्यार जागना और हाल पूछना अच्छी बात है परन्तु उन को उजाड़ने की प्रक्रिया बंद हो, ऐसा ही मध्य परदेस की तहसील करहाल के गाँवों में तीन दशक से अधिक समय से रह रहे बसाने वाला सिक्ख परिवारों का बर्बादी और सूबा मेघाल्या के शिलौग सहर के पंजाबी गली इलामें से सिक्ख भाईचारो का बर्बादी रोका जाये, आल इंडिया गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाना, आनंद कार्य एक्ट को पूरे देश में लागू करन, धारा 25 का मामला हल करन, फिल्में आदि में सिक्ख किरदार को सही तरीको साथ पेस करन को यकीनी बनाने, सिक्ख ककारें पर लगी जी यह टी हटाना, फ़ौज में अमृतधारी सिक्ख फ़ौजी की वर्दी में कृपाण ज़रूरी अंग के तौर पर शामिल करन, घरेलू हवाई सफ़र दौरान अमृतधारी सिक्खों के लिए कृपाण पहनने की आज्ञा में कृपाण के साईज़ की पाबंदी हटाई जाये। या फिर साईज़ 7-8इंच तक की कृपाण की आज्ञा हो। सिकलिगर भाईचारा, चूड़ी वेचने वाला समाज और लुबाना समाज (गुरू नानक शिष्य) आदि पिछड़े वर्गों का सम्बन्ध सिक्खी के साथ है, जिन की भारी संख्या जनसंख्या मध्य परदेस, महाराशटर और झारखंड के इलावा देश के दूसरे राज्यों में हैं, के जीवन मानक ऊँचा उठाने के लिए ठोस उपराले किये जाएँ और एक विशेश पैकेज के द्वारा उन के बे की विद्या मुफ़्त की जाये और रोज़गार के मौके प्रदान किये जाएँ। अंडेमान निकोबार दीप सेलुलर जेल के म्युज़ियम में सिक्खों के योगदान को दिखाने के लिए उचित प्रबंध किये जाएँ। पंजाब में भागा को कंट्रोल करन के लिए बार्डर (सरहद) को मज़बूती के साथ सील करन के लिए बार्डर एरिया के नौजवानों की विशेश भरती कर कर उन को रोज़गार दिया जाये। केंद्र सरकार की तरफ से राज सरकारें को यू ए पी ए समेत ऐसीं ओर कानूनों का दुरुपयोग रोकने प्रति हिदायत की जाये। प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी हकीकी रूप में सिक्ख भाईचारो का भरोसा जीतने चाहते हैं तो उसे दिखावो की प्यार नहीं सारथिक पहुँच अपणाउना पड़ेगा।
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