कल्याण केसरी न्यूज अमृतसर,5 जनवरी: अपने परिवार को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए अपने घर,जमीनें गहने रख कर मुल्क में मजदूरी करने गए लोग की हर मुश्किल घड़ि में रहबर बन सेवा रूपी मदद करन वाले दुबयी के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरपरस्त डा.ऐस.पी.सिंघ ओबराए के बड़े यतनों सदका जालंधर शहर के साथ सम्बन्धित 22 साला मापेगा बेटी मंगेश कुमार का मि्तक शरीर आज दुबयी से गुरु रामदास अंतरराशटरी एयरपोर्ट अमृतसर में पहुंचा।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.ऐस्स.पी.सिंघ ओबराए ने बताया की मापेगा एक महीना पहले ही अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में दुबयी मेहनत मजदूरी करने के लिए पहुंची थी की कुछ दिन बाद ही उस की बीमार होने उपरांत मौत हो गई। उन्होंने बताया की भारतीय दूतावास ने उन के साथ संपर्क करके बताया था की पंजाब के साथ सम्बन्धित एक लड़की की दुबयी अंदर मौत हो गई है परन्तु उस के वारिसों बारे कुछ पता नहीं लग रहा। उन्होंने बताया की इस लड़की बारे सारी जानकारी एकत्रित करने उपरांत उन्होंने ट्रस्ट के दोआबा जन्म के प्रधान अमरजोत सिंह के द्वारा पुलिस की मदद के साथ जालंधर रहती उसकी अकेली विधवा मां के साथ संपर्क कर कर उसे मापेगा की मौत से जानकार करवाया।
उन्होंने यह भी बताया की उन को मिली जानकारी अनुसार मापेगा एक महीना पहले ही दुबयी पहुंची थी और यहां पहुंचने के कुछ दिन बाद ही वह बीमार हो गई परन्तु उसे यहां लाने वाले लोगों की तरफ से उस का इलाज करवाने की बजाय उस पर रहती बकाया राशि देने का ही दबाव बनाया जाता रहा। उन्होंने बताया की जब उसे आखिर अति नाजुक हालत में हस्पताल दाखिल करवाया गया तो उस की वहें मौत हो गई। जिस उपरांत उन भारतीय दूतावास के बड़े सहयोग की वजह से सारी जरूरी कागजी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर आज मापेगा का मृतक शरीर ला कर ट्रस्ट की अमृतसर इकायी के प्रधान सुखजिन्दर सिंह खोज,जनरल सचिव मनप्रीत संधु,वित्त सचिव नवजीत सिंह घई और मित्र प्रधान शिशपाल सिंह लाडी की मौजूदगी में एयरपोर्ट प्राप्त कर कर ट्रस्ट की ही एंबुलेंस के द्वारा जालंधर को रवाना कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया की इस लड़की की मृतक देह घर तक पहुंचाने,ससकार आदि रस्मों करने का खर्च भी ट्रस्ट उठाएगा और इस परिवार की अति बुरी आर्थिक हालत होने के कारण इस की विधवा मां को ट्रस्ट की तरफ से घर के गुजारे के लिए हजार रुपए महीनावार पेंशन भी दी जायेगी। डा.ओबराए ने बताया की वह अब तक 216 बदनसीब लोगों के मि्तक शरीर वारिसों तक पहुंचा चुके हैं। उन मां बाप से अपील करते कहा की वह पूरी तरह जांच पड़ताल करने के उपरांत ही अपने बच्चों को विदेशों अंदर भेजने।ज़िक्रयोग्य है की आज एयरपोर्ट और उक्त लड़की का मृतक शरीर लेने समय पारिवारिक मेंबर की गैर मौजूदगी में ट्रस्ट के सेवकों की तरफ से निभाईआं जा रही सेवायों देख हर कोयी नम आंखों के साथ डा.ऐस्स.पी.सिंघ उबराए की तरफ से किये जाते ऐसे परउपकारों के लिए उन को दिल से दुआएं दे रहा थी।