यूएपीए का दुरुपयोग के साथ मोदी सरकार ने अपनी हार स्वीकृति: भाई अभ्यासी

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कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 17 जनवरी – दमदमी टकसाल के नेता और श्रोमनी समिति के धर्म प्रचार समिति मैंबर भाई अजैब सिंह अभ्यासी ने किसानी को तबाह करन वाले काले कानूनों ख़िलाफ़ संघरश कर रहे किसानों की आवाज़ को दबाने के लिए भारत की मोदी सरकार की तरफ से भद्दे हत्थकंडे अपनाते बिल्कुल आई ए की तरफ़ों श्री अकाल तख़्त साहब के पूर्व जत्थेदार भाई जसबीर सिंह खालसा समेत किसान संघरश के साथ जुड़े लोगों को नोटिस भेजे जाने की सख़्त निषिद्धता की है। उन्होंने कहा कि किसानों और किसान संघरश के साथ जुड़े लोगों को ऐनआईए की तरफ से नोटिस जारी करके सरकार ने अपनी हार कबूल कर ली है। उन्होंने कहा कि देश निवासियों को अपने हक के लिए आंदोलन करन का हक संविधान ने दिया हुआ है। किसानी आंदोलन पर इन नोटिसों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ण शांतमयी चल रहे किसानी लहर प्रति सरकार और भाजपा की तरफ से जाणबुझ्झ कर गलत रंगत देने के यत्न में है। सरकार और भाजपा लोगों की भावनायों को भड़काउण के लिए हर प्रयास इस्तेमाल कर रही है। लोग लहर को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियाँ का दुरुपयोग और ऐनआईए के द्वारा यूएपीए के अंतर्गत किसान संघरश पर बार इसी नीति का ही हिस्सा है।उन्होंने भाजपा नेताओं की तरफ से संघरशशील किसानों को देश विरोधी कहने पर भी ऐतराज़ जताया और इन बयानों को देश की एकता के लिए ख़तरनाक करार दिया। उन कहा कि लोगों की आवाज़ को दबाने के लिए केंद्र की तरफ से तानाशाह नीति की दिखावा करते डरावा देना और यूएपीए कानून का दुरुपयोग भारतीय लोकतंत्र का घान है। उन्होंने मोदी सरकार को अड़ियल व्यवहार छोड़ कर किसानों की सच्चा माँगों स्वीकृत करने के लिए संजीदगी दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा कि तानाशाही बरदास्त योग्य नहीं, सरकार का यह रवैया साबित करता है कि देश की बीजेपी सरकार तानाशाह बन चुकी है जो भारत के संविधान के लिए बड़ा ख़तरा है। उन्होंने कहा कि यूएपीए का दुरुपयोग तुरंत बंद करन और किसान नेताओं के साथ ठोस नतीजों के लिए बातचीत करन की सरकार को सलाह दी। —

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