कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 4फरवरी: डिप्टी कमिश्सनर -कम -जिला चुनाव अधिकारी घनश्याम थोरी ने जानकारी देते हुए बताया की राज्य चुनाव आयोग, पंजाब की तरफ से नगर पंचायतों और नगर कौंसिलों के आम मतदान की समय सारनी के ऐलान के बाद सभी चुनाव क्षेत्रों में’आदर्श चुनाव आचार संहिता’तुरंत प्रभाव के साथ लागू हो गई है जोकि चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने तक लागू रहेगी।उन्होनें कहा की जिला जालंधर में आदर्श चुनाव आचार सहिंता का पालन करना सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों का फर्ज है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।उन्होनें जानकारी देते हुए बताया की कोयी भी उम्मीदवार या पार्टी ऐसा कोयी काम नकरे, जिससे सांप्रदायिक एकता और सद्भावना को नुकसान हो। चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों का प्रयोग नकिया जाये। किसी की निजी जिंदगी के बारे में कोयी भी टिप्पनी नकी जाये। किसी की सहमति से बिना किसी के घर के अंदर या बाहर चुनाव प्रचार नकिया जाये। मतदान में वोटरों को प्रभावित करने के लिए किसी भी तरह का लालच, नशा, भय, डर आदि नदिया जाये।उन्होनें कहा की धर्म, जाती या किसी धार्मिक चिन्ह के नाम पर वोटों की मांग नकी जाए। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस के नाम की जानकारी के बगैर कोयी भी सामग्री छापने से गुरेज करने और प्रेस से छपकर बाहर जाने वाली हर सामग्री को बिल के साथ भेजने के लिए भी कहा।उन्होंने कहा की दूसरे उम्मीदवारों की चुनाव सभायों में कोयी विघ्न नडाला जाये। उन्होंने कहा की 12 फरवरी को उम्मीदवार 4बजे खुला चुनाव प्रचार बंद कर दें। पोलिंग स्टेशनों के 100 मीटर के अंदर प्रचार नकिया जाये। वोटरों को निजी वाहनों पर पोलिंग स्टेशनों पर लाना चुनाव सहिंता का उल्लंघन माना जायेगा। चुनाव स्टाफ के आधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार सहन नहीं किया जायेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। चुनाव प्रचार के लिए कोयी भी सरकारी, सार्वजनिक या निजी संपत्ति या मशीनरी का प्रयोग चुनाव सामग्री लगाने के लिए नहीं किया जाये।
निजी संपत्ति पर चुनाव सामग्री लगाने के लिए मालिक की लिखित इजाजत लेना जरूरी है।थोरी ने कहा की वोटर्स स्लिपों पर चुनाव निशान या उम्मीदवार का नाम नहीं होना चाहिए। हर तरह के चुनाव प्रचार के लिए समर्थ अथॉरिटी से मंजूरी लेना जरूरी है। साउंड व्यवस्था प्रातकाल 7बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित आवाज में ही इस्तेमाल की जा सकती है। सुनाया जाने वाला कंटैंट चुनाव आयोग के आदेशों अनुसार ही होना चाहिए।उन्होंने कहा की उम्मीदवार निर्धारित सीमा में ही रह कर चुनाव पर खर्च कर सकते हैं, जो की रोजाना के खर्चा रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए। खर्च किए सम्बन्धित विवरण चुनाव दफ्तर को नतीजे से 30 दिनों के अंदर जमा करवाना जरूरी है।उन्होनें कहा की कोयी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी राजनीतिक सक्रियता में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होनें कहा की चुनाव प्रचार या सरगर्मियों के लिए मंजूरी देने में कोयी भी भेदभाव नहीं किया जायेगा। मंत्री या सरकार के प्रतिनिधि सरकारी तंत्र का प्रयोग नहीं कर सकते हैं और नही कोयी अनुदान आदि की घोषना /जारी कर सकते हैं।उन्होनें स्पष्ट किया की आदर्श चुनाव सहिंता लागू होने पर किसी तरह का उल्लंघन कानूनी अपराध है। इस पूरी चुनाव प्रीकिया पर नजर रखने के लिए ऑब्जर्वर लगाए गए हैं।उन्होनें वोटरों को वोटिंग प्रक्रिया में अधिक से अधिक और ईमानदारी के साथ हिस्सा लेने की अपील की।
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